इसलामपुर (नालंदा दर्पण)। भाकपा (माले) जिला कमिटी सदस्य सुख सागर कुमार इनौस जिला सचिव शत्रुधन कुमार, धोवडीहा पंचायत के नेता श्रीकान्त मॉझी, मोती लाल विन्द, किसान नेता मुन्द्रिका यादव ने संयुक्त ब्यान जारी कर बताया है कि धोवडीहा पैक्स अध्यक्ष अनुराग प्रियेदर्शी के पास संयूक्त परिवार मे 15 बीघा जमीन से ज्यादा नहीं है, लेकिन पैक्स में इनके द्वारा 396 क्विंटल धान बेचा गया है। जो एक तरह से सरकारी खजाना को दोनों हाथों से लूटने का काम है।
बताते चले की क्र0 सं0 (1) किसान रजि0संख्या 02291392182184 अनुराग प्रियेदर्शी पिता अजय कुमार स्वंय 68.00क्विंटल, क्र0 सं0 (4) किसान रजि0संख्या 2291392184771 अजय सिंह पिता रामपर्दाथ सिंह 128.00क्विंटल पैक्स अध्यक्ष के पिता, क्र0सं0(13)किसान रजि0 संख्या 2291392187833 विजेन्द्र सिंह पिता महेन्द्र सिंह40.00क्विंटल पैक्स अध्यक्ष के ससुर, क्र0 सं0(103) किसान रजि0 संख्या 2291392185696 रौली देवी पति अनुराग प्रियेदर्शी 99.20क्विंटल धान बेचा।
संबंधित पैक्स अध्यक्ष के पत्नी क्र0 सं0 (155) किसान रजि0 संख्या 2291392676576 अविनाश प्रियेदर्शी पिता अजय कुमार सिंह 60 क्विंटल, जो पैक्स अध्यक्ष के भाई हैं, कुला मिला कर 396.00 क्विंटल धान घर में खरीद लिया।
ऐसे में सवाल उठता है कि ससुराली और घर के जमीन को मिलाकर 15 बीघा जमीन में उपज कितना शानदार रहा होगा? इन्हें पैक्स अध्यक्ष नही बल्कि कृषि वैज्ञानिक होना चाहिए था।
नेताओं ने कहा कि धोवडीहा पैक्स अध्यक्ष के सफलता से अमित शाह के बेटा जय शाह की याद ताजा हो गई कि कैसे जय शाह ने जब दुनियां मंदी की दौर से गुजर रही थी, वैसे वक्त में मात्र 16000 कि लागत से सोलह हजार करोड़ की कमाई की थी।
ठीक वैसे ही धोवडीहा पंचायत के पैक्स अध्यक्ष ने सफलता हासिल की है। इनके पेड मैनेजर की स्थिति भी यही है और यह सिर्फ वानगी है।
नेताओं ने कहा कि कुछ किसान से धान खरीदा भी गया तो उनसे एक क्विंटल में 10 किलो नमी के नामपर धान काटा गया तथा कुटाई के नाम पर 100 रूपया लिया गया, वहीं किसान खुद के भाड़ा से पैक्स के द्वारा बताया गए जगह पर धान भेजा।
इतना ही नहीं अनुपस्थित किसान के नाम से भी धान खरीद ली गई है, जो सरकारी खजाना को लूटने का काम किया है। यहां बड़े पैमाने पर अधिकारी व पैक्स अध्यक्ष के मिली भगत से लूट की गई है, जिसकी जॉच होनी चाहिए।
नेताओं ने कहा कि सिर्फ चुनाव के वक्त किसानो की बाते करते नहीं थकने बाले सासंद, विधायक आखिर मौन क्यो है? समय रहते उचित कानूनी कार्यवाई नहीं कि गई तो आने वाले दिन में भाकपा माले व किसान संगठन हरियाणा पंजाब की तर्ज पर एमएसपी, किसान मंडी के लिए बड़ा किसान महा पंचायत लगा कर उपरोक्त अधिकारी, पैक्स अध्यक्ष समेत तमाम जनप्रतिनीधि के बारे में बताया जाएगा कि ये लोग देश के अन्नदाता के समस्या के प्रति कितने गंभीर है।