राजगीर (नालंदा दर्पण)। राजगीर नगर परिषद की नयी सरकार बनने के करीब आठ महीने से अधिक हो गये हैं, बावजूद विकास की नींव नहीं रखी जा रही है। विकास के रफ्तार पकड़ने की बात तो दूर की रही।
नयी सरकार गठन बाद विकास के काम शुरू नहीं होने के कारण नगर परिषद के वार्डों की समस्याएं जस की तस है। कहीं कहीं तो पहले से भी बदतर है। नयी सरकार के गठन बाद लोगों की उम्मीद बढ़ी थी।
तरह-तरह के विकास के सपने नागरिक और वार्ड पार्षद बुने थे। लेकिन नगर परिषद के शासन और प्रशासन में तालमेल नहीं होने के कारण कहीं भी विकास के कोई काम नहीं हो रहे हैं।
नतीजा है कि नगर के किसी भी वार्ड में विकास का एक भी काम अबतक शुरू नहीं किया गया है। न तो कहीं विभागीय और न कहीं निविदा द्वारा कार्यारंभ किया गया है। फलस्वरूप वार्डों की समस्याएं ज्यों की त्यों बनी हुई है।
नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सुश्री दिव्या शक्ति द्वारा विभागीय कार्यों पर रोक लगा दी गयी है। विकास कार्य निविदा द्वारा कराया जाना है। लेकिन निविदा की प्रक्रिया भी अबतक आरंभ नहीं की गयी है।
नगर परिषद क्षेत्र में हर घर नल जल योजना का पानी लगभग सभी वार्डों में सड़कों पर अनायास ही बहता रहता है। नगर में सफाई कर्मियों की संख्या बढ़ाई गयी है, परंतु नाली सफाई मुकम्मल नहीं हो रहा है।
मुख्य सड़कों और गलियों को छोड़कर टोले-मोहल्ले के अंदर की गलियों में न तो नियमित झाडू पड़ता है और न ही नाली की व्यापक संफाई होती है, नगर की अधिकांश सड़कें और गलियां जर्जर है। न तो उसकी मरम्मत की जा रही है और न ही सड़कों का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है।
सबसे बुरा हाल निचली बाजार की सड़क की है। इसके अलावा नौलखा मंदिर रोड, उपाध्याय टोला और तुलसी गली में नाला नहीं रहने के कारण घरों का पानी सड़कों पर बहता है। अनेकों जगह सड़कें टूटी हैं। नालियां जहां तहां टूटी हैं।
निचली बाजार, नौलखा मंदिर रोड, मालीटोला, दांगी टोला, गांधी टोला, उपाध्याय टोला, बीचली कुआं एवं अन्य सड़कों की हालत बहुत खराब है। परंतु सरकार गठन के करीब आठ महीने बाद भी किसी भी वार्ड में काम शुरू नहीं किया गया है। जलजमाव की समस्याएं लगभग हर वार्ड में बना हुआ है।
नगर परिषद में पहले केवल 19 वार्ड हुआ करता था। विस्तार हुआ तो 32 वार्ड बन गया है। नगर परिषद में पहली बार जुड़े गांवों के वार्डों में विकास की काफी उम्मीद लगा रखी योजनाओं का निर्माण पारदर्शी तरीके से होगा नगर परिषद के सामान्य बोर्ड की बैठक में वार्ड पार्षदों द्वारा अपने-अपने क्षेत्र की समस्याओं की सूची दी गयी है।
सभी वार्डों में दो-दो योजनाओं पर बोर्ड की बैठक में मुहर लगाई गई है। उन योजनाओं का डीपीआर तैयार कर निविदा की प्रक्रिया के माध्यम से योजनाओं का निर्माण पारदर्शी तरीके से कराया जायेगा।
परंतु अबतक विकास के काम आरंभ नहीं होने से उनके उम्मीदों पर पानी फिर रहा है। नगर परिषद और वार्ड पार्षदों के प्रति नागरिकों की नाराजगी का भाव देखा जा रहा है। नागरिक वार्ड पार्षदों से नाली गली का निर्माण और विकास की गुहार लगा रहे हैं।
नगर परिषद की बोर्ड की बैठक में प्रत्येक वार्ड में दो-दो योजनाओं का चयन करने का प्रस्ताव पारित किया गया है। योजनाओं के चयन बाद भी कार्यारंभ नहीं हुआ है।
कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा विभागीय कार्य कराने पर रोक लगाने के बाद टेंडर से भी काम नहीं कराने पर नगर में असंतोष बढ़ रहा है।
करोड़ों की लागत से नगर में सीवरेज ट्रिटमेंट प्लांट का निर्माण कराया गया है। लेकिन आधे से अधिक घरों को सीवरेज कनेक्शन से नहीं जोड़ा गया है। इस सीवरेज ट्रिटमेंट प्लांट का निर्माण के करीब नौ साल बाद उद्घाटन तक नहीं कराया गया है।
जरूरत है सीवरेज व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करने और नगर परिषद के सभी घरों को सीवरेज से जोड़ने की। नगर परिषद की कोई भी पारंपरिक जलस्त्रोत पइन ऐसा नहीं है, जो अतिक्रमण का शिकार नहीं है। अतिक्रमण के कारण उन पारंपरिक जलस्रोतों के अस्तित्व खतरे में है।
लचर ट्रैफिक व्यवस्था रहने के कारण शहर में आये दिन जाम का झाम लगा रहता है। बिना चहारदीवारी के बस स्टैंड की जमीन का भी आपाधापी से अतिक्रमण किया जा रहा है। लेकिन स्थानीय प्रशासन के अनदेखी के कारण अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद हैं।
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