बिहार शरीफ (नालंदा दर्पण)। स्मार्ट प्रीपेड मीटर के उपभोक्ताओं को अब बिजली की खपत के समय लोड का ध्यान रखना जरूरी हो गया है। अगर किसी उपभोक्ता ने अपने निर्धारित लोड से अधिक बिजली का उपभोग किया तो उन्हें भारी फाइन (जुर्माना) देना पड़ेगा। यह फाइन उनके प्रीपेड बैलेंस से हर माह बिल रिचार्य के बाद बाद स्वतः कट जायेगी।
बिजली वितरण कंपनी ने साफ स्पष्ट किया है कि किसी भी उपभोक्ता की मासिक बिजली खपत के दौरान किसी भी समय होने वाली अधिकतम खपत के आधार पर पीक लोड की गणना की जाती है। यदि उपभोक्ता ने दो किलोवाट का लोड लिया है और किसी दिन आधे घंटे के दौरान उनका लोड दो किलोवाट से ज्यादा हो गया तो उन्हें एक्सेस डिमांड चार्ज के रूप में अतिरिक्त भुगतान करना पड़ेगा। प्रत्येक किलोवाट पर अतिरिक्त बिल और फाइन दोनों वसूला जायेगा।
उपभोक्ताओं की शिकायत और कंपनी का स्पष्टीकरणः स्मार्ट प्रीपेड मीटर के उपभोक्ताओं की ओर से लगातार यह शिकायतें आ रही थीं कि उनके प्रीपेड बैलेंस से अचानक बड़ी राशि कट जाती है। इसकी जांच में पाया गया कि कई उपभोक्ताओं ने कुछ विशेष अवधि में अपने निर्धारित लोड से अधिक बिजली का उपभोग किया था।
उदाहरण के लिए एक उपभोक्ता ने एक किलोवाट का लोड लिया हुआ था और उन्होंने अगस्त-सितंबर में केवल 82 यूनिट बिजली का उपभोग किया। लेकिन एक दिन उनका लोड 2.02 किलोवाट तक पहुंच गया। इसके कारण उनके प्रीपेड बैलेंस से 330 रुपये कट गये। इस राशि में अतिरिक्त लोड का शुल्क और फाइन भी शामिल था।
कंपनी का परामर्श और छूटः बिजली वितरण कंपनी के अनुसार उपभोक्ताओं को अपने लोड के अनुसार ही उपकरणों का इस्तेमाल करना चाहिए। नये प्रीपेड मीटर या पोस्टपेड से प्रीपेड में बदलने वाले कनेक्शन पर 6 महीने तक एक्सेस डिमांड चार्ज से छूट दी जाती है।
इसके अलावा उपभोक्ताओं को लोड बढ़ने पर एसएमएस के माध्यम से सूचित किया जाता है और इच्छुक उपभोक्ता अपने घर का लोड पेसू की एप के माध्यम से घटा-बढ़ा सकते हैं। इस नए नियम के तहत उपभोक्ताओं को लोड का विशेष ध्यान रखना जरूरी होगा। ताकि उन्हें अनावश्यक फाइन न भुगतना पड़े।
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