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    Sunday, November 3, 2024
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      वैक्सिन कुरियरों ने धरना-प्रदर्शन के माध्यम से सिविल सर्जन को 11 सूत्री मांग पत्र सौपा

      बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार राज्य वैक्सिन कुरियर संयुक्त संघर्ष मंच के निर्णयानुसार आज वैक्सिन कुरियरों ने धरना-प्रदर्शन के माध्यम से सिविल सर्जन सह सदस्य सचिव जिला स्वास्थ्य समिति नालंदा को 11 सूत्री मांग पत्र सौपा।

      वैक्सिन कुरियर संघ के जिलाध्यक्ष नागमणी यादव ने कहा कि बर्ष  2005 से  टीकाकरण को सफल बनाने में वैक्सिन कुरियर की अहम भूमिका है। वैक्सिन कुरियरो की जिंदगी और जवानी दाव पर लगाने का प्रतिफल है कि राज्य मे टीकाकरण राष्ट्रीय मानक के करीब चुका है। परन्तु राज्य सरकार द्वारा न्यूनतम वैधानिक मानदेय एव अन्य सुविधा नही देना चिंताजनक और आश्चर्य का विषय है ।

      वैक्सिन कुरियर संघ के जिलामंत्री विरेश सिंह ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि वैक्सिन कुरियर 17 जुलाई 2023 से अनिश्चितकालीन हङताल पर है। संघ की मांग वैक्सिन कुरियरों को सरकारी सेवक घोषित किया जाय, न्यूनतम वैधानिक मजदूरी का भुगतान किया जाय,पूरे माह कार्य की उपलब्धता किया जाय, वैक्सिन के प्रत्येक बक्सा पर नब्बे रूपये दी जाने वाली राशि को बढ़ाकर पांच सौ रुपए किया जाय, आशा,ममता की भाँति दुर्घटनाग्रस्त मृत्यु के उपरांत वैक्सिन कुरियरो को भी सामाजिक सुरक्षा के तहत उनके आश्रितो को चार लाख रुपए दिया जाय, बारह लाख रुपए का बीमा दिया जाय। साईकिल, पोशाक रेनकोट, गमबुट, सीम सहित मोबाइल उपलब्ध कराया जाय, सहित 11 सूत्री मांगें हैं।

      इस हड़ताल पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए संजय कुमार, राज्याध्यक्ष बिहार चिकित्सा एव जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने कहा कि आजादी के पूर्व हमारे देश में दासप्रथा, बंधुआ मजदूर, ऊंच-नीच, भेदभाव, छुआछूत चरम सीमा पर था। आजादी के बाद भारतीय संविधान के कारण इन कुप्रथाओ और विकृत मानसिकता मे कमी आया है।

      परन्तु राज्य व केंद्र सरकार के विभागो में प्रोत्साहन राशि एव आउटसोर्सिंग पर कार्यरत कर्मी अघोषित बंधुआ मजदूर ही है, जो समता, समानता और सामाजिक न्याय के लिए संघर्षरत है। हम जनहित में लोक कल्याणकारी सरकार से अपेक्षा रखते हैं कि वैक्सिन कुरियर की हङताल को वार्ता के माध्यम से अविलम्ब समाप्त कराया जाय ताकि जनतांत्रिक मुल्यो की रक्षा हो सके।

      इस धरना-प्रदर्शन मे सुरेन्द्र प्रसाद, बिन्दु पासवान, उमाशंकर द्विवेदी ,विजय कुमार, झुलन प्रसाद, चन्द्रशेखर प्रसाद, मो जहांगीर आलम, जितेंद्र कुमार, संजीव कुमार, शशिभूषण कुमार, प्रभात कुमार, इन्द्रजीत कुमार सहित दर्जनों वैक्सिन कुरियरो ने अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज को बुलंद किया।

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