अन्य
    Thursday, November 21, 2024
    अन्य

      वीमेंस एशियन चैंपियंस हॉकी ट्रॉफीः राजगीर में सुरक्षा और सुविधा का व्यापक इंतजाम

      राजगीर (नालंदा दर्पण)। राजगीर में 11 नवंबर से शुरू होने वाली वीमेंस एशियन चैंपियंस हॉकी ट्रॉफी के लिए सुरक्षा और सुविधाओं को लेकर प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए हैं। इस अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद होगी। इससे दर्शक और खिलाड़ी दोनों सुरक्षित माहौल में मैच का आनंद ले सकें। यहां चार स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की गई हैं। जिससे बगैर पास के किसी भी व्यक्ति का स्टेडियम में प्रवेश संभव नहीं होगा।

      वाहन प्रवेश पर रोक, समय से पहले प्रवेश की सुविधाः खेल परिसर में मैच के दौरान किसी भी प्रकार के वाहनों का प्रवेश पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। दर्शकों को स्टेडियम में प्रवेश की सुविधा मैच शुरू होने से दो घंटे पहले ही दे दी जाएगी। ताकि सुरक्षा जांच और सीटिंग व्यवस्था सुचारु रूप से हो सके। सीटें फुल होने के बाद दर्शकों का प्रवेश बंद कर दिया जाएगा।

      टू-लेन सड़क और प्रवेश व्यवस्थाः अंतर्राष्ट्रीय खेल परिसर को जोड़ने वाली सड़क को टू-लेन में परिवर्तित किया जा रहा हैं। जो मैच शुरु होने से पहले बनकर तैयार हो जाएगी। एक लेन खिलाड़ियों और टीम के लिए आरक्षित होगी। जबकि दूसरी लेन दर्शकों के लिए। खिलाड़ियों और कोचों का प्रवेश गेट नंबर चार से होगा। वीआईपी और शीर्ष पदाधिकारियों को गेट नंबर तीन से प्रवेश मिलेगा।

      वहीं मीडिया, स्कूली बच्चे और आम दर्शक गेट नंबर तीन से स्टेडियम में प्रवेश करेंगे। गेट नंबर एक के पास पार्किंग स्थल बनाया गया हैं और पास ही एक बड़ी एलसीडी स्क्रीन लगाई जाएगी। ताकि जिन दर्शकों को स्टेडियम में जगह न मिले। वे बाहर बैठकर मैच का आनंद ले सकें।

      सुविधाएं और मनोरंजनः हॉकी स्टेडियम में कुल 11 मैच खेले जाएंगे और हर दिन तीन मैच होंगे। वीआईपी दर्शकों के लिए विशेष व्यवस्था की गई हैं। जहां वीवीआईपी के दाहिने तरफ वीआईपी और बाईं ओर मीडिया के लिए सीटें आरक्षित होंगी। दर्शकों के लिए बुनियादी सुविधाएं जैसे- शौचालय, शुद्ध पेयजल और व्यंजन स्टॉल भी उपलब्ध होंगे। हॉकी ग्राउंड के उत्तर-पश्चिम कोने में महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय बनाए गए हैं।

      पश्चिम दिशा में 15 व्यंजन स्टाल लगाए जाएंगे। जहां दर्शक विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का आनंद ले सकेंगे। इन स्टालों के पास ही कला और संस्कृति विभाग की प्रदर्शनी होगी। जिसमें बिहार की संस्कृति, तसर और बावनबूटी साड़ी जैसे पारंपरिक वस्त्रों का प्रदर्शन किया जाएगा। यह प्रदर्शनी राज्य की सांस्कृतिक धरोहर और पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लगाई गई हैं।

      राजगीर की सजावट और पर्यटन को बढ़ावाः राजगीर के प्रमुख स्थलों को सजाने के लिए विशेष रूप से सरकारी भवनों, रेलवे ओवर ब्रिज, जल मीनारों और अन्य संरचनाओं पर थ्री डी पेंटिंग की जा रही हैं। यह बिहार की समृद्ध संस्कृति और वास्तुकला को उभारेंगी। इसका मुख्य उद्देश्य बिहार के पर्यटन को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाना हैं।

      खिलाड़ियों के लिए विशेष प्रबंधः प्रतिस्पर्धा में शामिल होने वाले सभी देशों के खिलाड़ी गया और बोधगया में ठहरेंगे और उनके आने-जाने की व्यवस्था बिहार स्टेट स्पोर्ट्स अथॉरिटी द्वारा की गई हैं। खिलाड़ियों के लिए गेट के पास चेंजिंग रूम और स्कूली बच्चों द्वारा उन्हें पारंपरिक वेशभूषा में स्टेडियम तक लाने की योजना हैं। बच्चे कुर्ता-पजामा और लहंगा-चुनरी पहनकर खिलाड़ियों का स्वागत करेंगे।

      दर्शकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधाः खेल परिसर के भीतर और बाहर हर जगह सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का इंतजाम किया गया हैं। हॉकी स्टेडियम के पास बने स्विमिंग पूल के परिसर में मीडिया ब्रीफिंग के लिए एक पंडाल तैयार किया गया हैं। यहां मीडिया कर्मी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। साथ ही एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया हैं। यहां से सुरक्षा का संचालन होगा। परिसर में एक स्वास्थ्य शिविर भी स्थापित किया गया हैं। ताकि आपात स्थिति में चिकित्सा सहायता तत्काल उपलब्ध हो सके।

      राजगीर में इस भव्य आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रशासन ने हर छोटे-बड़े पहलू पर ध्यान दिया जा रहा हैं। जिससे यह आयोजन न केवल खेल प्रेमियों के लिए एक यादगार अनुभव बन सके। बल्कि बिहार की सांस्कृतिक और पर्यटन धरोहर को भी एक नई पहचान मिले।

      LEAVE A REPLY

      Please enter your comment!
      Please enter your name here

      संबंधित खबर

      error: Content is protected !!
      Wildlife and nature zoo safari park in Rajgir, Nalanda, Bihar, India Bihar Sharif covered with red flags regarding Deepnagar garbage dumping yard in nalanda बिहारशरीफ नगर का रमणीक स्थान हिरण्य पर्वत जानें राजगीर ब्रह्म कुंड का अद्भुत रहस्य