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केंद्रीय शिक्षा मंत्री की बड़ी घोषणाः  अब नहीं होंगे एनटीए भर्ती परीक्षा, जानें डिटेल

केंद्रीय शिक्षा मंत्री के इन घोषणाओं से छात्रों और अभिभावकों में उत्साह है। उन्हें उम्मीद है कि नई प्रणाली शिक्षा के क्षेत्र में नई क्रांति लाएगी और आगे उनकी राह आसान करेगी

नालंदा दर्पण डेस्क। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शिक्षा क्षेत्र में व्यापक सुधारों के तहत परीक्षा प्रणाली में बदलाव के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) अब भर्तियों के लिए परीक्षाएं आयोजित नहीं करेगी। 2025 से एनटीए केवल उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश के लिए एंट्रेंस एग्जाम का आयोजन करेगी।

शिक्षा मंत्री के अनुसार आगामी वर्ष में एनटीए का पुनर्गठन किया जाएगा। इसके तहत एजेंसी में 10 नए पद सृजित किए जाएंगे। इन सुधारों का उद्देश्य एजेंसी की दक्षता और क्षमता को बढ़ाना है। सरकार कंप्यूटर एडप्टिव टेस्ट और तकनीक-संचालित प्रवेश परीक्षाओं की दिशा में कदम बढ़ा रही है।

यह निर्णय इस साल की शुरुआत में इसरो के पूर्व प्रमुख आर राधाकृष्णन की अध्यक्षता में गठित उच्च-स्तरीय समिति की सिफारिशों पर आधारित है। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि एनटीए को मुख्य रूप से प्रवेश परीक्षाओं के आयोजन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया गया था कि एनटीए की क्षमता बढ़ने के बाद अन्य परीक्षाओं के लिए इसके दायरे का विस्तार किया जा सकता है।

नीट-यूजी परीक्षा को लेकर शिक्षा और स्वास्थ्य मंत्रालय पारंपरिक ‘पेन और पेपर’ मोड की बजाय ऑनलाइन मोड अपनाने पर विचार कर रहे हैं। इस पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा और सभी सुधार 2025 से लागू होंगे।

गौरतलब है कि नीट और अन्य परीक्षाओं में पेपर लीक और अनियमितताओं के कारण कई बार परीक्षाओं को रद्द किया गया था। जिसके समाधान के लिए यह कदम उठाए जा रहे हैं।

अब  एनसीईआरटी की किताबें अगले सत्र से और सस्ती हो जाएंगी। साथ ही 2026 तक कक्षा 9-12 के लिए नई किताबें उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके अलावा छात्रों की परीक्षा तैयारी के लिए एनसीईआरटी ने ‘साथी’ योजना की शुरुआत की है। इसके तहत छात्र आईआईटी-जेईई, नीट, एसएससी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे।

इन सुधारों से परीक्षा प्रणाली अधिक पारदर्शी, आधुनिक और तकनीकी रूप से सक्षम होगी। इसके साथ ही छात्रों के लिए तैयारी के संसाधन अधिक किफायती और सुलभ होंगे। कंप्यूटर आधारित परीक्षाओं से समय और संसाधन की बचत होगी और परिणाम जल्दी जारी किए जा सकेंगे।

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