नालंदा दर्पण डेस्क। अब प्रदेश में बिहार शिक्षा सेवा (Bihar Education Department) के प्रशासनिक उप संवर्ग के अधिकारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी नहीं बनेंगे। इस संबंध में बिहार शिक्षा सेवा के पुनर्गठन के लिए शिक्षा विभाग द्वारा बनायी गयी कमेटी अपनी रिपोर्ट जल्द सौंपेंगी। यह वही कमेटी है, जो शिक्षकों के स्थानांतरण पदस्थापन की प्रस्तावित नीति तय कर रही है।
दरअसल, शिक्षा विभाग की यह सोच थी कि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के पद बिहार शिक्षा सेवा के प्रशासनिक उप संवर्ग में शामिल किये जायें। लेकिन, इस पर बिहार शिक्षा सेवा के प्रशासनिक उप संवर्ग के अधिकारियों के संगठन ने अपनी असहमति जतायी है।
इससे संबंधित सुझाव संगठन द्वारा कमेटी को दिये गये हैं। जिसमें इस बात के आसार नहीं हैं कि कमेटी बिहार शिक्षा शिक्षा सेवा के प्रशासनिक उप संवर्ग में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के पदों को शामिल करने की अनुशंसा करेगी।
इधर, राज्य के तकरीबन 334 प्रखंडों में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के पद खाली हैं। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों के सभी खाली पदों के अतिरिक्त प्रभार में चल रहे हैं। इससे अधिकांश प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी एक से अधिक प्रखंड चला रहे हैं।
शहरी क्षेत्रों के प्रखंडों के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के अतिरिक्त प्रभार संबंधित जिलों के कार्यक्रम पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों के जिम्मे हैं। इसका असर कार्यक्रम पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों के काम-काज पर पड़ रहा है।
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी शिक्षा विभाग के प्रखंड स्तरीय अधिकारी होते हैं। इनका सीधा नियंत्रण प्रखंड के प्रारंभिक विद्यालयों पर होता है। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के पद अवर शिक्षा सेवा संवर्ग (प्राथमिक शाखा) के होते हैं।
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों के 50 फीसदी पदों पर सीधी नियुक्ति एवं बाकी 50 फीसदी पद निम्न शिक्षा सेवा (प्राथमिक शाखा) के शिक्षकों की प्रोन्नति से भरे जाते हैं। निम्न शिक्षा सेवा (प्राथमिक शाखा) के शिक्षक राजकीय बुनियादी विद्यालयों में होते हैं। तय कालावधि के बाद उनकी प्रोन्नति अवर शिक्षा सेवा संवर्ग (प्राथमिक शाखा) में करने के प्रावधान हैं।
प्रोन्नति के बाद उनकी पोस्टिंग राजकीय बुनियादी विद्यालय के प्रधानाध्यापक एवं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के पदों पर किये जाने के प्रावधान हैं। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की तरह ही राजकीय बुनियादी विद्यालय के प्रधानाध्यापक का पद भी अवर शिक्षा सेवा संवर्ग (प्राथमिक शाखा) का है।
ऐसे प्रोन्नति से तो प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के पद नियमित रूप से भरे जाते रहे हैं, लेकिन वर्ष 1991 के बाद सीधी नियुक्ति नहीं हुई है। वर्ष 1991 में अवर शिक्षा सेवा संवर्ग (प्राथमिक शाखा) में अवर सेवा चयन पर्षद के माध्यम से नियुक्ति हुई थी। अब अवर सेवा चयन पर्षद भी अस्तित्व में नहीं है। ऐसे में माना जा रहा है कि शिक्षा सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी की रिपोर्ट के बाद प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों की नियुक्ति की नियमावली बनाने की कवायद शुरू होगी।
- सरकारी स्कूलों में कार्य योजना बनाकर पढ़ाई का आदेश, खाली समय में शिक्षक करेंगे ये काम
- Bihar Education Department Big News: जानें किस तिथि से तय होगी विशिष्ट शिक्षकों की वरीयता
- नियोजित शिक्षक से अधिक BPSC टीचर निकल रहे फर्ज़ी, इसका जिम्मेवार कौन?
- Bihar Education Department Big News: जानें शिक्षकों के स्थानांतरण-पदस्थापन की बनेगी कैसी नीति
- E Shikshakosh Portal App: ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं करने वाले शिक्षकों की आईडी होगी निरस्त, नहीं मिलेगा वेतन