बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। इन दिनों साइबर ठग उत्तराखंड, राजस्थान और हरियाणा में बैठ कर नालंदा जिला वासियों के बैंक खाते से रुपये चुरा रहे हैं। बीते कुछ दिनों से केवाइसी अपडेट के नाम पर साइबर ठग किसान, छात्र, व्यवसाय और नौकरी पेशा लोगों का बैंक खाता खाली कर रहे हैं। सीधे साधे लोगों के मोबाइल पर फर्जी एप और वेबसाइट का लिंक भेजकर ठग बैंक से रुपये चुरा रहे हैं।
मैसेज में कहा जाता है कि केवाइसी अपडेट नहीं होने के कारण उनका बैंक अकाउंट बंद कर दिया जायेगा। मैसेज में आये लिंक पर क्लिक करने पर ही केवाइसी अपडेट करना शुरू हो जाता है और चंद सेंकेड में बैंक खाते से रुपये की निकासी का अलर्ट जाता है। मार्च क्लोजिंग, पर्व-त्यौहार की सीजन, स्कूल-कॉलेज में नामांकन तिथि आदि को देखते हुए साइबर ठग की गतिविधियां भी बढ़ी है।
आज कल फोन कॉल, एसएमएस, ईमेल से बैंक खाते में सेंध लगने की खबरे प्रतिदिन बढ़ रहे हैं। इसपर गंभीरता दिखाते हुए आरबीआई ने भी बीते दिनों केबाइसी अपडेट को लेकर जरूरी दिशा-निर्देश क्या कहते हैं अधिकारी भी जारी किये हैं। बढ़ती ऑनलाइन सेवाएं आइडेंटिटी फ्रॉड के जोखिम से भी जूझ रही हैं।
नालंदा जिले में बढ़ते साइबर अपराध को नियंत्रित करने के उद्देश्य से नालंदा जिला मुख्यालय स्थित बिहारशरीफ में 9 जून 2023 को साइबर थाना खोला गया। फिर भी प्रतिदिन कोई न कोई साइबर ठगी के शिकार हो रहे हैं। जागरूकता के अभाव में बहुत से ठग के शिकार होने के बाद भी पुलिस तक नहीं पहुंचते हैं।
फिलहाल जिले के साइबर सेल तक प्रति माह औसतन 25 से 31 साइबर ठगी से संबंधित मामले दर्ज हो रहे है। जिनमें 90 प्रतिशत मामले केवाईसी व अन्य बैंक से संबंधित अधुरा कागजता के नाम पर झांसा देकर ठगी करना है। जबकि 10 प्रतिशत फेसबुक, इंस्टाग्राम एवं वीडियो फोटो वायरल के मामले दर्ज किये जा रहे हैं।
साइबर ठगी के सबसे अधिक मामले राजस्थान के अलवर से किया जा रहा है। जबकि दूसरा स्थान हरियाणा के नूहू और उत्तराखंड राज्य व तीसरा यूपी के मथुरा एवं चौथ झारखंड के देवघर जामताड़ा से साइबर फ्रॉड के मामले जुड़े हुए हैं।
नालंदा साइबर थाना से जुड़े मामले में अंतरराज्यीय गिरोह शामिल होते हैं। जिसके कारण अनुसंधान में बाधाएं आती है। तकनीकी और आधुनिक संसाधन की कुशलता के अभाव में साइबर सेल साइबर ठग तक पहुंचने में नाकाम साबित हो रहे हैं। हालांकि छोटी-मोटी और लोकल साइबर ठग पर नकेल पाने में साइबर पुलिस ने काफी हद तक कामयाबी हासिल की है।
नालंदा साइबर थाना के डीएसपी ज्योति शंकर कहते हैं कि साइबर ठग के प्रति लोगों को जागरूक रहने की जरूरत है। किसी भी प्रकार के मैसेज और झांसे में आकर कोई भी जानकारी ओटीपी किसी से साझा नहीं करने की जरूरत है।जरूरत पड़ने पर केवाइसी व अन्य काम बैंक शाखा जाकर ही निष्पादन करें। फिर भी किसी प्रकार के साइबर ठग के शिकार होते हैं तो तुरंत ही ऑनलाइन, साइबर थाना या निकटवर्ती थाना पुलिस में मामला दर्ज कराना चाहिए।
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