अन्य
    Saturday, July 27, 2024
    अन्य

      ऐतिहासिक हिलसा सूर्य मंदिर तालाब में भ्रष्टाचार देख भड़के लोग

      “निर्माण कार्य की देखरेख कर रहे कनीय अभियंता मो मशकूर आलम को कार्य से मुक्त करने का निर्णय लिया गया। लेकिन इस गोरखधंधे में संलिप्त बड़े अधिकारियों को क्लीन चिट दे दिया गया…

      हिलसा (नालंदा दर्पण)। जल जीवन हरियाली के तहत करीब 61 लाख 15 हजार रुपए की लागत से शहर के धार्मिक एवं ऐतिहासिक सूर्य मंदिर तालाब की खुदाई एवं सीढ़ी निर्माण कार्य में नगर परिषद की मिलीभगत से संवेदक द्वारा बड़े पैमाने पर अनियमितता की जा रही है।

      People angry after seeing corruption in historical Hilsa Sun Temple pond 1कार्य में गड़बड़ी की शिकायत करने पर नागरिकों को नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा केस में फंसाने की धमकी दिए जाने के बाद शहर के सामाजिक कार्यकर्ता आक्रोशित हो गए।

      इसके बाद सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा दिए गए आवेदन के आलोक में एसडीओ प्रवीण कुमार ने सूर्य मंदिर तालाब में पहुंचकर कार्यस्थल का निरीक्षण किया।

      इस दौरान घटिया निर्माण कार्य को देखकर हिलसा एसडीओ प्रवीण कुमार ने गुणवत्ता की जांच के लिए एक कमेटी गठित कर अविलंब जांच प्रतिवेदन देने का आदेश दिया और कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषी लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

      निरीक्षण के दौरान सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि सीढ़ी के लिए प्राक्कलन के अनुसार 10 फीट गहरा पाइलिंग करना था, लेकिन संवेदक द्वारा मात्र 3 फीट गहरा पिलर बनाया गया। इसी प्रकार तीन नंबर का ईंट का प्रयोग किया जा रहा था। सरकारी नियमों के अनुसार कार्य स्थल पर योजना से संबंधित कोई बोर्ड भी नहीं लगाया गया था।

      एसडीओ ने सभी पिलर को तोड़कर पुनः तय मानक के अनुसार पिलर बनाने का आदेश देते हुए कहा कि योजना से संबंधित बोर्ड अविलंब लगाया जाए।

      शिकायत करने पर मिली केस में फंसाने की धमकीः सूर्य मंदिर तालाब के सीढ़ी निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किए जाने से संबंधित शिकायत किए जाने पर कार्यपालक पदाधिकारी संवेदक पर कार्रवाई करने की बजाय शिकायतकर्ता पर ही प्राथमिकी दर्ज करने के लिए थाने में आवेदन दे दिया।

      आवेदन के आलोक में पुलिस ने सामाजिक कार्यकर्ता संजीत कुमार और रिशु पटेल को थाने में बुलाकर पूछताछ किया। हालांकि अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने दोनों कार्यकर्ताओं को करीब 2 घंटे के बाद छोड़ दिया।

      इससे यह स्पष्ट हो गया कि घटिया निर्माण कार्य में संवेदक के साथ-साथ नगर परिषद की स्पष्ट रूप से मिली भगत है। समाजिक कार्यकर्ता को कहना है कि हिलसा नगर परिषद में बस अड्डा एवं चिल्ड्रेन पार्क का भी निर्माण कराया गया, उसका मंत्री के द्वारा उद्घाटन भी हो गया है, लेकिन आज तक योजना संबंधित कोई बोर्ड नहीं लगाया गया है। इसकी भी जांच होनी चाहिए।

      एसडीओ ने पूरे मामले की जांच का आश्वासन दिया है। जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। नगर परिषद द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं की होगी जांच। नागरिकों द्वारा नगर परिषद द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं में बड़े पैमाने पर लूट खसोट की शिकायत किए जाने के बाद एसडीओ ने सभी योजनाओं की जांच करने का आदेश दिया।

      सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा इस गड़बड़ी का उजागर करने के बाद नगर परिषद कार्यालय में आपात बैठक की गई। बैठक में निर्माण कार्य की देखरेख कर रहे कनीय अभियंता मो मशकूर आलम को कार्य से मुक्त करने का निर्णय लिया गया। लेकिन इस गोरखधंधे में संलिप्त बड़े अधिकारियों को क्लीन चिट दे दिया गया।

      वार्ड पार्षद विजय कुमार विजेता का कहना था कि करीब 61 लाख रुपए कि इस योजना में व्याप्त गड़बड़ी के लिए मुख्य पार्षद, कार्यपालक पदाधिकारी भी जिम्मेदार हैं। इन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।

      लोकसभा चुनाव और पर्व-त्योहार बहुत गरम हैं नालंदा डीएम-एसपी

      अब जीपीएस सिस्टम से यूं सुधरेगी पर्यटक शहर राजगीर की सफाई व्यवस्था

      चौथा दिन भी बंद है पूरा बाजार, जानें CM नीतीश के हरनौत का हाल

      होली मनाना पड़ा महंगा, 20 शिक्षकों पर कार्रवाई की अनुशंसा

      देसी कट्टा के साथ शराब पीते युवक का फोटो वायरल, जानें थरथरी थानेदार का खेला

      संबंधित खबर

      error: Content is protected !!