नालंदा दर्पण डेस्क। बिहारशरीफ नगर अवस्थित हरदेव भवन सभागार में डीएम शशांक शुभंकर की अध्यक्षता में जिला आपदा प्रबंधन विभाग के तत्वाधान में एइएस, जापानी इंसेफेलाइटिस, दिमागी बुखार, चमकी बुखार, लू से बचाव के लिए संबंधित विभाग के पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक हुई।
समीक्षा के क्रम में डीएम ने निर्देश दिया कि एइएस व जेइ से प्रभावित बच्चों को बिना उपचार के रेफर न करें। स्थानीय पीएचसी स्तर पर प्रभावित मरीजों का इलाज हर हाल में सुनिश्चित करें, जिससे रेफर के समय कोई विशेष खतरा न हो सके।
डीएम ने निर्देश दिया कि पंचायत स्तर पर मोबाइल नंबर के साथ एंबुलेंस का टैगिंग करें और इलाज में विलंब न करें। एंबुलेंस नहीं मिलने की स्थिति में आवश्यकता अनुसार पीएचसी प्रभारी पदाधिकारी मरीज को निजी वाहन से भेजने के लिए वाहन भाड़ा का भुगतान करना सुनिश्चित करेंगे।
उन्होंने कहा कि गर्मी को देखते हुए सभी आंगनबाड़ी केंद्रों, पीएचसी पर प्रचुर मात्रा में ओआरएस, पारासिटामोल की दवा हर हाल में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे। साथ ही ससमय आवश्यक दवा मरीजों तक उपलब्ध कराना भी सुनिश्चित करेंगे।
आशा, आशा फैसिलिटेटर, एएनएम, सीएचओ, इएमटी, आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, स्वयं सहायता समूह, अन्य सरकारी तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं के माध्यम से एइएस, जेई से सुरक्षा के लिए ‘चमकी को धमकी’ का व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए प्रभावित मरीजों तक आसानी से आवश्यक दवा उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे।
डीएम ने कहा कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जल जमाव, वॉटर लॉगिंग से डेंगू का खतरा बढ़ जाता है। मच्छरों से सुरक्षा के लिए दवा का छिड़काव एवं फॉगिंग करना सुनिश्चित करेंगे।
इस अवसर पर अपर समाहर्ता आपदा, प्रभारी पदाधिकारी आपदा प्रबंधन, सिविल सर्जन, डीपीओ आईसीडीएस, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, सभी सीडीपीओ, सभी पीएससी प्रभारी पदाधिकारी आदि उपस्थित थे।
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