देख तमाशा अमीरी का, चंडी प्रखंड में गरीबों का राशन निगल रहे अमीर, अफसर बने पंगु
'देख तमाशा अमीरी का,गरीबी दुबकी रही झुग्गियों में, मजबूरियां कराहती रही फुटपाथ पर,बेबस मरती रही अस्पतालों में' ....यह हकीकत है हमारे समाज की उस व्यवस्था की जो गरीबों के लिए हमदर्द कहलाते हैं।