हिलसा (नालंदा दर्पण)। बिहार के नालंदा जिले में स्थित एकंगरसराय प्रखंड का ऐतिहासिक धार्मिक स्थल सूर्यनगरी औंगारीधाम सूर्योपासना के लिए आस्था का एक महान केंद्र है। भगवान अंगारक के नाम से प्रसिद्ध यह स्थल कालांतर में औंगारीधाम के रूप में विख्यात हो गया। चैती और कार्तिक माह में छठ व्रत करने के लिए भारत के कोने-कोने से श्रद्धालु यहां आते हैं। सूर्य भगवान की प्रतिमा के दर्शन से ऐसा प्रतीत होता है मानो उनमें से दिव्य प्रकाश प्रस्फुरित हो रहा हो। उनके समीप सहचर देव भगवान विष्णु की अद्भुत प्रतिमा भी स्थापित है। इसके अलावा ब्रह्मा, गणेश, शंकर, पार्वती, दुर्गा, सरस्वती सहित अठारह अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां भी यहां विराजमान हैं।
स्थानीय लोगों का मानना है कि द्वापर युग से लेकर आज तक इस मंदिर में पूजन से असंख्य लोगों की मनोकामनाएं पूरी हुई हैं। मंदिर की स्थापना के संबंध में एक रोचक जनश्रुति प्रचलित है। कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण के पौत्र शाम्ब सौंदर्य में अपने दादा के समतुल्य थे। एक बार भूलवश वे गोपियों के बीच श्रीकृष्ण से मिलने गए। गोपियों ने उन्हें श्रीकृष्ण समझकर उनके साथ खेलना शुरू कर दिया। प्राचीन ग्रंथों में उल्लेख है कि शाम्ब ने इस पर आपत्ति जताई। लेकिन गोपियां नहीं मानीं। यह लीला देखकर श्रीकृष्ण क्रोधित हो गए और उन्होंने शाम्ब को शाप दे दिया कि वे अपना सौंदर्य खो देंगे और कुष्ठ रोग से ग्रस्त होंगे।
शाप के प्रभाव से शाम्ब को कुष्ठ रोग हो गया। चिंतित होकर उन्होंने नारद जी से उपाय पूछा। नारद ने कहा कि इसका समाधान केवल श्रीकृष्ण ही बता सकते हैं। तब शाम्ब ने श्रीकृष्ण से प्रार्थना की। श्रीकृष्ण ने उन्हें बताया कि यदि वे संपूर्ण भारत में बारह सूर्य मंदिरों की स्थापना कर उनका पूजन करेंगे तो वे अपने सौंदर्य और यौवन को पुनः प्राप्त कर सकेंगे। इन्हीं बारह सूर्य स्थानों में से एक है औंगारीधाम सूर्य मंदिर।
मान्यता है कि औंगारीधाम के तालाब में स्नान करने और इसका जल पीने से कुष्ठ रोग सहित अन्य बीमारियों से मुक्ति मिलती है। यहां पूजा-अर्चना करने वाले श्रद्धालुओं को कंचन काया, पुत्र सुख, समृद्धि और शांति जैसे मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं। यह स्थल एकंगरसराय बाजार से लगभग छह किलोमीटर पूरब-दक्षिण दिशा में स्थित है।
औंगारीधाम में एक विशाल पुराना धर्मशाला है। सूर्य मंदिर के समीप औंगारी थाना, तालाब के दक्षिण में लाल सिंह त्यागी महाविद्यालय, मध्य विद्यालय, दक्षिण मध्य बिहार ग्रामीण बैंक और पंचायत भवन स्थित हैं। औंगारीधाम ट्रस्ट तालाब के घाटों की सफाई, शौचालय, पेयजल व्यवस्था, सीढ़ियों की मरम्मत जैसे कार्यों को संचालित करती है। वहीं सूर्यमठ विकास सेवा समिति मंदिर के चारों ओर मंडप, ओसरा, रोशनी और अन्य सुविधाओं का विकास कर रही है। यह स्थान श्रद्धालुओं के लिए शांति और समृद्धि का स्रोत बना हुआ है, जो प्राचीन काल से अपनी महत्ता बनाए हुए है।
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