अन्य
    Monday, May 20, 2024
    अन्य

      बिना RMP देश की चिकित्सा व्यवस्था अधूरी

      राजगीर (नालंदा दर्पण)। राजगीर नगर अवस्थित सरस्वती भवन में ग्रामीण मेडिकल प्रैक्टिसनरों का राज्य स्तरीय सम्मेलन रविवार को आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन आईएमए के पूर्व जिला अध्यक्ष डॉ. सियाशरण प्रसाद द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। जिसमें नालंदा के अलावे नवादा, गया, पटना, शेखपुरा, जहानाबाद सहित कई जिलों के करीब 500 मेडिकल प्रैक्टिशनर शामिल हुए और जिसकी अध्यक्षता जनजीवक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. यदुनंदन प्रसाद ने किया।

      इस अवसर पर सम्मेलन के मुख्य अतिथि विधायक डॉ. सुनील कुमार ने कहा कि यह सम्मेलन बीमारियों को पकड़ने हेतु ज्ञान अर्जुन के लिए महत्वपूर्ण है।

      इलाज में रोजाना होने वाली समस्याओं से अवगत कराते हुए उन्होंने कहा कि आरएमपी ही प्राथमिक चिकित्सा कर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को जीवन बचाते हैं। लेप्रोस्कॉपिक सर्जन डॉ. सत्येंद्र कुमार सिंह द्वारा चिकित्सा विधियों पर प्रकाश डाला गया।

      कैंसर सर्जन डॉ. नवीन कुमार ने कहा कि भारत में सबसे अधिक पुरुषों में मुंह कैंसर और महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर हो रहा है। कैंसर की पहचान और लक्षण की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि कैंसर के डेढ़ लाख मरीजों का डाटा सामने आ रहा है। लेकिन उनकी संख्या 15 लाख के पार है।

      डॉ. नवीन ने कहा कि पहले हार्ट अटैक से अधिक मौतें होती थी। लेकिन अब कैंसर से अधिक होने लगी है। 10 में 9 व्यक्ति तंबाकू खाते हैं। तंबाकू मुंह के लिए स्वास्थ्यवर्धक नहीं है। दर्द नहीं होने के कारण लोग इस बीमारी को पकड़ नहीं पाते हैं। तीसरे और चौथे स्टेज में पहुंचने पर मरीज चिकित्सक के पास जाते हैं। तब तक काफी देर हो जाती है।

      जनजीवक संघ के प्रांतीय महासचिव डॉ. विपिन कुमार सिन्हा ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए कहा कि अबतक एनआईओएस द्वारा 25 हजार से अधिक ग्रामीण मेडिकल प्रैक्टिसनरों को ट्रेनिंग दी गई है। आगे भी प्रशिक्षण देने का कार्य जारी रहेगा। कुछ लोग आरएमपी को धरना प्रदर्शन के लिए प्रेरित करते हैं, जिसका जनजीवक संघ समर्थन नहीं करता है।

      उन्होंने कहा कि कोई भी आरएमपी नर्सिंग होम का बोर्ड लगाकर अस्पताल खोलते हैं, तो वह संघ के नियमों के अनुकूल नहीं है। वैसे लोगों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई होने पर संघ साथ नहीं देगा। आरएमपी द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में निःशुल्क चिकित्सा शिविर लगाने की सम्मेलन में प्रशंसा की गयी। वैसे लोगों को सम्मानित भी किया गया।

      उन्होंने कहा कि भारत की चिकित्सा व्यवस्था ग्रामीण मेडिकल प्रैक्टिसनरों के बिना अधूरा है। इस अवसर पर चिकित्सकों द्वारा गंभीर बीमारी की पहचान तथा उसके प्राथमिक उपचार हेतु आरएमपी को प्रशिक्षण दिया गया।

      विशेषज्ञ चिकित्सकों ने आरएमपी के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है। ग्रामीण क्षेत्र में यदि कोई बीमार पड़ते हैं, तो तत्काल उनके द्वारा ही प्राथमिक उपचार कर उनकी जान बचाई जाती है। उन्हें बेहतर इलाज के लिए उचित परामर्श भी दिया जाता है।

      इस अवसर पर डॉ. सियाशरण प्रसाद, सर्जन डॉ. महेश प्रसाद, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. चंदेश्वर प्रसाद, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. राजीव रंजन, डॉ. दीनानाथ वर्मा, लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. सत्येंद्र कुमार सिन्हा, यूरोलॉजी सर्जन डॉ. पवन कुमार भारती, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. किरण कुमारी, डॉ. हिमांशु शेखर, डॉ. रणवीर कुमार, डेंटल सर्जन डॉ. अनिल कुमार एवं अन्य के द्वारा प्रशिक्षण दिया गया।

      इस अवसर पर संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. यदुनंदन प्रसाद, डॉ. अनिल कुमार, डॉ. नवीन कुमार, डॉ. निरंजन कुमार, डॉ. भोला प्रसाद, डॉ. श्याम किशोर प्रसाद, डॉ. कमलेश कुमार, डॉ. देवेंद्र कुमार, डॉ. निसार अहमद, डॉ. अमित कुमार, डॉ. धनेश्वर प्रसाद, डॉ. किशोरी प्रसाद, डॉ. आशा सिंह, डॉ. ज्योति किरण सिंह, डॉ. सुनीता सिंह, डॉ. कमला देवी एवं अन्य प्रमुख लोग उपस्थित थे।

       अब सरकारी स्कूलों के कक्षा नौवीं में आसान हुआ नामांकन

      गर्मी की छुट्टी में शिक्षकों के साथ बच्चों को भी मिलेगा कड़ा टास्क

      बिहार को मिले 702 महिलाओं समेत 1903 नए पुलिस एसआइ

      जानें डिग्री कॉलेजों में कब से कैसे शुरु होंगे पार्ट-2 और पार्ट-3 की परीक्षा

      एक माह बाद भी फर्जी नगर शिक्षक को नहीं ढूंढ पाई है पुलिस

      LEAVE A REPLY

      Please enter your comment!
      Please enter your name here

      This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

      संबंधित खबरें
      error: Content is protected !!