नालंदा दर्पण डेस्क। नालंदा जिले में वर्ष 2024-25 के जल जीवन हरियाली अभियान के लिए पांच लाख 82 पौधारोपन का लक्ष्य तय किया गया है, जिसका सरकारी स्तर पर शुरुआत आचार संहिता समाप्त होने के बाद नौ जून पर्यावरण दिवस से होगा।
निजी जमीन पर पौधारोपन करने के इच्छुक किसान अभी से ग्रामीण अभिकरण विभाग मुख्यालय या अपने प्रखंड के मनरेगा कार्यालय में जून तक आवेदन दे सकते हैं। पहले आवेदन करने वाले किसानों को उनके मनपसंद किस्म के पौधे उपलब्ध कराये जाएंगे।
दो सौ पौधे लगाने और उसकी देखरेख करने वाले किसानों को मिलने वाले मासिक 1824 रुपये से अब बढ़ाकर 1960 रुपये कर दिये गये है। निजी जमीन पर 200 पौधारोपन पर उसकी देखरेख के लिए एक वनपोषक और सरकारी जमीन पर 100 पौधारोपन पर एक वनपोषक नियुक्त किये जाते हैं। जिनका काम लगाये पोधों को सुरक्षा और पटवन करना होता है। जो पांच वर्षों तक के लिए नियुक्त होते हैं। लेकिन शर्त होता है कि किये गये पौधारोपन में से कम से कम 80 फीसदी पौधा जीवित होना चाहिए।
इस साल से जॉबकार्ड धारियों को मिलने वाली मनरेगा मजदूरी दर 228 रुपये प्रति कार्य दिवस में बढ़ोत्तरी कर 245 रुपये कर दिये गये हैं। इसके अतिरिक्त प्रत्येक दो सौ पौधों पर एक पटवन के लिए चापाकल उपलब्ध कराने का भी प्रावधान है।
जून तक कोई भी निजी भूमि पर पौधे लगाने के लिए अपने पंचायत के पीआरएस या अपने मनरेगा प्रखंड कार्यालय में आवेदन दे सकते हैं। कृषक अपनी रुचि के अनुसार फलदार पौधे लगा सकते हैं। ताकि फलदार पौधे लगाने में किसानों की आमदनी बढ़ सके।
फिलहाल मनरेगा के श्रमिकों के द्वारा भी पौधारोपन किया जा रहा है। जिला प्रशासन के द्वारा काफी संख्या में फलदार वृक्ष लगाने की कार्य योजना बनाई गयी है। फलदार वृक्ष लगाने से किसानों की आमदनी बढ़ेगी।
इस प्रखंडवार जल जीवन हरियाली अभियान के तहत आम, अमरूद्ध, क्या कहते हैं अधिकारी जामुन, कटहल, शरीफा लगाये जा रहे हैं। किसानों के द्वारा महोगनी एवं सागवान जैसी इमारती लकड़ी वाले पौधे भी लगाए जाएंगे। सरकारी कार्यालयों में या सड़क किनारे एकेशिया, गोल्ड मोहर, अर्जुन एवं यूकेलिप्टस जैसे पौधे भी लगाए जायेंगे। जल जीवन हरियाली योजना को सफल बनाने के लिए कृषि वानिकी योजना से जोड़ा गया है।
इसके माध्यम से अपनी भूमि पर पौधा लगाने वाले किसानों की जहां अचल संपत्ति बढ़ेगी। वहीं इस बहाने किसानों को अपनी आय बढ़ाने का भी अवसर मिलेगा। सभी पंचायत रोजगार सेवकों को बरसात के पूर्व इसकी तैयारी कर लेने का निर्देश दिया गया है।
बकौल मनरेगा जिला कार्यक्रम पदाधिकारी प्रवीण कुमार, अपनी निजी जमीन पर पौधा लगाने के इच्छुक किसानों को पौधे उपलब्ध कराये जा रहे हैं। एक यूनिट पौधे पर एक वनपोषक के तौर पर किसानों को करीब 1960 रुपये प्रतिमाह भुगतान किया जाना है। पौधों की सिंचाई की व्यवस्था भी सरकारी स्तर पर पर की जा रही है। निजी भूमि के लिए आवेदन लेने का काम किया जा रहा है।
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