राजगीर (नालंदा दर्पण)। इन दिनों राजगीर नगर परिषद अंतर्गत जरादेवी मंदिर के पास शव दाह स्थल पर एक गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। लोग डोम राजा की मनमानी से परेशान हैं। आज एक शव का दाह संस्कार डोम राजा के बिना अग्नि दान के परिजनों ने खुद आग देकर कर लिया। ऐसी स्थिति यहां आए दिन बनी रहती है।
बताया जाता है कि आज सिलाव में एक बुजुर्ग का देहांत हो गया। उनके परिजन एवं चाहने वाले शव का दाह-संस्कार करने के लिए राजगीर शव दाह स्थल ले गए। लेकिन लाख प्रयास और अनुरोध के बाबजूद घंटों तक कोई डोम राजा अग्नि दान करने नहीं पहुंचा। जबिक पुरातन काल से शव दाह संस्कार में अग्निदान डोम राजा के हाथों होने की परंपरा चली आ रही है।
दरअसल, अभी लग्न का समय चल रहा है। इस दौरान डोम समाज के लोगों की कमाई होटलों से अधिक होती है। इसी कारण परिजन के बुलाने के बाबजूद वे शव दाह में अग्नि दान की रस्म निभाने में आनाकानी करते हैं। हालांकि एक शव दाह के दौरान उन्हें अमूमन 3 हजार से उपर की दान कमाई हो जाती है।
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