नालंदा दर्पण डेस्क। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा (टीआरइ-3) पेपर लीक मामले में मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार पांच अभियुक्तों में चार शातिर लोग नालंदा जिले के हैं। गिरफ्तार पांच आरोपितों में चार के नाम प्रदीप कुमार, संदीप कुमार, शिवकुमार और तेज प्रकाश शामिल हैं।
इसके अलावे एक महिला आरोपित को भी इओयू ने गिरफ्तार किया है। पेपर लीक कांड में जिनकी काफी सक्रिय भूमिका बतायी जा रही है। इन सबों का सुराग हजारीबाग और पटना से गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ में मिला था। इसके बाद से ही इओयू आरोपितों की तलाश कर रही थी। कहा जाता है कि यह महिला आरोपित अभ्यर्थियों से राशि उगाही का कार्य करती थी।
इसके पहले भी राज्य अपराध ईकाई (इओयू) ने नालंदा जिले के कई लोगों को अपनी गिरफ्त में लिया है, जिसमें नगरनौसा प्रखंड के भूतहाखाड़ पंचायत के पूर्व मुखिया एवं हरनौत विधानसभा क्षेत्र से पिछला चुनाव लड़ चुकी चिराग पासवान की लोजपा (आर) नेत्री ममता देवी का पति संजीव कुमार और पुत्र भी शामिल है। जो पहले भी इसी तरह के कई मामलों को अंजाम देकर अकूत संपति कमाने के साथ जेल भी जा चुके हैं।
कहा जाता है कि इसी पिता-पुत्र से कड़ाई से पूछताछ के बाद मिले इनपुट के आधार पर ही उज्जैन से पांच लोगों की गिरफ्तारी हुई है। इसके आलावे नालंदा जिले के दर्जन भर शातिर लोग इओयू के रडार पर हैं, उनकी सरगर्मी से तलाश जारी है, जो हजारीबाग में टीआरइ-3 पेपर लीक मामले से सीधे जुड़े रहे हैं। इन शातिरों की भूमिका टीआरइ-2 में भी संदिग्ध रही है।
इस आधार पर बहाल बीपीएससी के कई टीचर भी दबोचे जा सकते हैं। ऐसे भी टीआरइ-3 पेपर लीक मामले में हजारीबाग से गिरफ्तार करीब 300 अभ्यर्थियों में प्राय नालंदा जिले के ही रहने वाले थे।
फिलहाल आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) उज्जैन से गिरफ्तार पांचों आरोपितों पटना में कोर्ट में पेशी के बाद संगीनता से पूछताछ के लिए रिमांड पर लेगी और उनसे शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में विस्तृत पूछताछ की जायेगी। पूछताछ के आधार पर पेपर लीक से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आ सकती हैं।
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