बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (ACS) डॉ. एस. सिद्धार्थ ने राज्य के सभी प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों और छात्र-छात्राओं के नाम एक प्रेरणादायक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने पिछले शैक्षणिक सत्र के सफल संचालन के लिए शिक्षकों एवं नई कक्षा में प्रवेश करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएं दी है और नए शैक्षणिक सत्र को और बेहतर बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव और दिशा-निर्देश भी साझा किए हैं।
डॉ. सिद्धार्थ ने कक्षा 1 में नए प्रवेश लेने वाले छात्रों के लिए विद्यालय का माहौल आकर्षक और रुचिपूर्ण बनाने पर जोर दिया है। उन्होंने सुझाव दिया है कि शैक्षणिक सत्र के पहले सप्ताह में ऐसे कार्यकलाप आयोजित किए जाएं, जो छोटे बच्चों में उत्साह जगाएं और उन्हें स्कूल आने के लिए प्रेरित करें। उनका कहना है कि इससे बच्चों का शैक्षणिक जीवन सकारात्मक तरीके से शुरू होगा।
शत-प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित करने का लक्ष्यः पत्र में अपर मुख्य सचिव ने सभी शिक्षकों से अपील की कि वे अपने क्षेत्र में मुखिया, वार्ड सदस्यों और जीविका समूहों के साथ बैठक कर हर बच्चे का कक्षा 1 में नामांकन सुनिश्चित करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसा कोई बच्चा क्षेत्र में न छूटे, जिसका नामांकन स्कूल में न हो। इसके लिए राज्य सरकार अप्रैल माह में ही किताबें, कॉपी, पेंसिल और पोशाक की राशि उपलब्ध करा रही है।
अप्रैल में रिविजन कक्षा और परीक्षाः कक्षा 2 से 8 तक के छात्रों के लिए अप्रैल माह में रिविजन कक्षाएं चलाने का निर्देश दिया गया है। इन कक्षाओं में पिछले साल के सिलेबस को दोहराया जाएगा। जिसमें गणित, विज्ञान और पढ़ने की क्षमता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। माह के अंत में रिविजन की परीक्षा होगी। जिसके लिए ई-शिक्षा कोष के माध्यम से प्रश्न पत्र उपलब्ध कराए जाएंगे।
यूनिफॉर्म और किताबों का समय पर वितरणः डॉ. सिद्धार्थ ने बताया है कि इस वर्ष सभी छात्रों को अप्रैल माह में ही पोशाक की राशि दी जा रही है। मार्च में भी यह राशि दी गई थी, जिससे बच्चों के पास अब चार सेट यूनिफॉर्म के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध है।
उन्होंने शिक्षकों से कहा है कि बच्चों में यह अनुशासन विकसित करें कि वे यूनिफॉर्म में ही स्कूल आएं। अगले 15 दिनों में कक्षा 1 से 8 तक के लिए पोशाक की राशि और किताबें उपलब्ध करा दी जाएंगी। इसके साथ ही स्कूलों की लाइब्रेरी के लिए भी अतिरिक्त किताबें दी जाएंगी। जिनका उपयोग बच्चों को सिखाया जाए।
आधारभूत संरचना का सर्वेक्षणः पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि अप्रैल माह में सभी स्कूलों की आधारभूत संरचना का सर्वेक्षण होगा। इसमें स्कूल की चारदीवारी, शौचालय, पेयजल व्यवस्था, समरसेबल पंप और अतिरिक्त कक्षा कक्षों की स्थिति की जानकारी ली जाएगी। शिक्षकों से अपील की गई है कि वे सर्वेक्षणकर्ताओं को पूर्ण सहयोग दें। ताकि मई माह में इन सुविधाओं को राज्य स्तर पर स्वीकृत किया जा सके।
शिक्षकों के प्रति आभार और अपेक्षाः अंत में डॉ. सिद्धार्थ ने शिक्षकों के योगदान को अमूल्य बताया और कहा है कि बच्चों का भविष्य उनके परिश्रम पर निर्भर है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि नए शैक्षणिक सत्र में शिक्षक शैक्षणिक वातावरण को बेहतर बनाएंगे और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में शिक्षा विभाग का सहयोग करेंगे। उनका मानना है कि शिक्षकों के समर्पण से ही बच्चे भविष्य में एक सशक्त और समृद्ध राष्ट्र के निर्माण में योगदान दे सकेंगे।
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