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    Saturday, July 27, 2024
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      बेलदार समाज ने जातिगत गणना के आंकड़ों पर जताया कड़ा विरोध, कहा…

      बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। भारतीय बेलदार विकास संघ सह भारतीय बेलदार जन जागरण महासभा ने बिहार सरकार द्वारा जारी जातिगत जनगणना के आंकड़ों  की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि इसके आंकड़े त्रुटिपूर्ण हैं एवम आनन फानन में तैयार किए गए मालूम पड़ते हैं। इसमें बेलदार जाति, जिसकी आबादी पूरे बिहार में लगभग 4% यानी की 45 से 50 लाखों के करीब बेलदार समाज है।

      लेकिन बिहार सरकार द्वारा केवल 4 लाख 83 हजार बताया गया है, जो कि इस समाज कि अस्मिता के साथ एक भद्दा मजाक है। अकेले नालंदा जिले में बेलदार समाज की आबादी 3.5 लाख से अधिक है। जबकि बिहार के अन्य ज़िलों जैसे पटना, जहानाबाद, गया, अरवल, औरंगाबाद, लखीसराय, मुंगेर, जमुई, शेखपुरा, भागलपुर, सहरसा, खगड़िया, मधुबनी, कटिहार आदि ज़िलों में भीं बेलदार जाति की घनी आबादी है।

      ज्ञात हो कि इस जाति का मुख्य पेशा ईट भट्ठों पर ईंट पारना, मिट्टी काटना, सुरंग बनाना, कुआं खोदना, नहर बनाना, राज मिस्त्री का काम करना, मछली पालन करना आदि है। ईंट भट्टों पर कार्य करने हेतु यह समाज बड़ी संख्या में अपना घर द्वार छोड़ कर ईंट भट्टों पे चला जाता है।

      चूकि यह समाज काफी गरीब है,जिसके कारण इसकी एक बड़ी आबादी जीविकोपार्जन हेतु बिहार के बाहर अन्य राज्यों में भी पलायन करते रहती हैं। ऐसे में बेलदार विकास संघ बिहार सह भारतीय बेलदार जनजागरण महासभा का दावा है की बेलदार समाज के एक बड़ी आबादी की गणना ही नहीं की गई है।

      बिहार के भिन्न भिन्न जिलों, प्रखंडों एवं पंचायतों से ऐसी सूचनाएं मिल रहीं है की जनगणना कर्मी उनके दरवाजे पर गए ही नहीं। ऐसी स्थिति में बिहार सरकार का ये सेंसस रिपोर्ट अधूरा जान पड़ता है।

      बेलदार महासभा का कहना है की एक तो बिहार में पूर्व से लेकर अब तक की सरकारों ने बेलदार जाति को SC/ST से बाहर रख कर पहले ही क्या कम अन्याय किया है, जो अब उसकी आबादी पे भी कैंची चलाने को आमादा है जबकि देश के ग्यारह राज्यों में बेलदार जाति को sc का दर्जा प्राप्त है।

      बेलदार जनजागरण महासभा की मांग है कि बिहार सरकार जल्द से जल्द बेलदार जाति की गणना में हुए विसंगतियों को दूर करके पुनः संशोधित रिपोर्ट प्रकाशित करे अन्यथा बिहार का बेलदार समाज पूरे बिहार में बड़े पैमाने पर जन आंदोलन करेगा और अगर फिर भी न्याय नही मिला तो भारतीय बेलदार जनजागरण महासभा उच्च न्यायालय एवं आवश्यकता पड़ी तो सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को बाध्य हो जायेगा।

      भारतीय जनजागरण बेलदार महासभा ने कहा कि देश के ग्यारह राज्यों की तर्ज पर बिहार में भी बेलदार जाति को SC का दर्जा दिलाने हेतु भी जल्द ही आंदोलन किया जाएगा।

      पहले से बेलदार समाज की आबादी 4% प्रतिशत थी। यानी 45-50 लाख से अधिक है। पर सरकार ने जो डाटा छिपाने का कार्य किया जो काफी निंदनीय हैं। जिस पर बेलदार समाज विरोध प्रकट करता है।

      बैठक में जाति जणगणना को असंतोष जनक व्यक्त करते हुए बेलदार समाज के वरिष्ठ नेता सह समाजसेवी रंजीत बेलदार पूर्व जिला परिषद् हरनौत,लोकप्रिय गायक ब्यास सोनू चौहान, राष्ट्रीय संयोजक अरुण बिन्द पूर्व विधायक प्रत्याशी हरनौत विधानसभा, युवा वरिष्ठ नेता नागेन्द्र बेलदार, वरीय नेता परमानन्द बिन्द,वरीय नेता सह समाजसेवी वृजनंदन बेलदार, जिला मिडिया प्रभारी आरके सागर,जिला अध्यक्ष आईटी सेल अध्यक्ष मिन्टू चौहान, समाजसेवी रामबली प्रसाद बिन्द,पूर्व भारतीय सैनिक इन्द्रजित कुमार, अधिवक्ता अरविंद कुमार, अधिवक्ता महेश कुमार, प्रदेश नेता महेन्द्र प्रसाद बेलदार,सरपंच प्रमोद कुमार बिन्द, युवा नेता चन्द्रमणी प्रसाद बिन्द,शिक्षा मोटिवेटर कमलेश बिन्द, रूपेशजी, शिक्षा मोटिवेटर रंजन राज बेलदार, समाजसेवी विधानंद प्रसाद, शिक्षक संजीत कुमार, विरेन्द्र कुमार,बलवीर कुमार,गायक मुन्नी लाल प्यारे, गायक राजीव राजधानी, मिडिया विक्की बेलदार, डॉ शैलेन्द्र कुमार,टुनटुन बेलदार,युवा नेता दीपक बेलदार, महमदपुर संजय बेलदार, समाजसेवी सतेन्द्र बिन्द,भीम बेलदार,शिवजी बिन्द, मन्टू बेलदार,रजनीश बिन्द, सुभाष बिन्द, तिलकधारी, सुभाष बिन्द, बलराम,धनंजय, विकास अंजन कुमार,शिक्षा मोटिवेटर सुरेन्द्र बेलदार,दुलारचन्द बेलदार एवं नालंदा जिला के सभी बेलदार समाज के लोगों ने सरकार की इस मनमानी जाती जणगणना सर्वे पर गहरी निंदा व्यक्त की।

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