बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित बिहार सक्षमता परीक्षा 2024 (प्रथम) में पास नियोजित शिक्षकों को एक बड़ी राहत प्रदान की गई है। काउंसलिंग प्रक्रिया के दौरान जिन शिक्षकों का आधार सत्यापन त्रुटियों जैसे- नाम, जन्म तिथि, आधार संख्या की गलत प्रविष्टि आदि कारणों से नहीं हो सका था, वे अब चार नवंबर तक अपने पदस्थापन वाले जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी को आवेदन देकर आवश्यक सुधार करवा सकते हैं।
आवेदन प्रक्रिया और सुधार की व्यवस्थाः जिन शिक्षकों के दस्तावेज़ों में त्रुटियाँ पाई गई हैं। वे अपने जिला शिक्षा पदाधिकारी को आवेदन देकर संशोधन की प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकते हैं।
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) द्वारा संबंधित शिक्षक के आवेदन के आधार पर आवश्यक सुधार किए जाएंगे। जिनमें नाम, जन्म तिथि, लिंग, आधार संख्या और मोबाइल नंबर शामिल हैं।
इस प्रक्रिया के तहत पूर्व में भरे गए नाम, जन्म तिथि, लिंग, आधार संख्या और मोबाइल नंबर सॉफ्टवेयर में यथावत रहेंगे। ताकि किसी प्रकार की ओवर राइटिंग न हो।
सुधार के बाद बायोमैट्रिक सत्यापनः आवश्यक सुधार प्रक्रिया पूरी होने के बाद संबंधित शिक्षकों का बायोमैट्रिक सत्यापन भी सुनिश्चित किया जाएगा।
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा की गई कार्रवाई का सत्यापन जिला शिक्षा अधिकारी सॉफ्टवेयर के माध्यम से करेंगे। ताकि सभी डेटा और प्रमाण पत्र की सही तरीके से जांच हो सके।
सत्यापन के लिए विशेष सॉफ्टवेयर विकल्पः माध्यमिक शिक्षा निदेशक की ओर से जारी सूचना के अनुसार काउंसलिंग के दौरान एक या एक से अधिक प्रमाण पत्र संदिग्ध पाए गए शिक्षकों को अपने प्रमाण पत्र अपलोड करने का अवसर प्रदान किया गया है।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा विशेष सॉफ्टवेयर में यह विकल्प उपलब्ध कराया गया है। जिससे शिक्षक अपने सही प्रमाण पत्र को अपलोड कर सकें।
नियोजित शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदमः यह प्रक्रिया उन शिक्षकों के लिए राहत लेकर आई है। जिनके महत्वपूर्ण विवरण में त्रुटियाँ होने के कारण काउंसलिंग में उनका आधार सत्यापन अटक गया था।
शिक्षकों को अब यह मौका मिल रहा है कि वे अपने सभी प्रमाण पत्र और डेटा सही कर सकें। जिससे उनकी नियुक्ति की प्रक्रिया में आने वाली अड़चनों को दूर किया जा सके।
शिक्षा विभाग का प्रयास और भविष्य के लाभः शिक्षा विभाग का यह प्रयास शिक्षकों को एक व्यवस्थित और निष्पक्ष प्रक्रिया से गुजरने का अवसर प्रदान करता है। इससे शिक्षकों की आधारभूत जानकारियाँ पूरी तरह सही रहेंगी और बायोमैट्रिक सत्यापन के बाद उनका चयन प्रक्रिया में हिस्सा लेना और भी आसान हो जाएगा।
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