राजगीर (नालंदा दर्पण)। धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा के आरोपित एलडीसी रवि कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने वाले राजगीर नगर परिषद के सहायक टैक्स दारोगा और प्रभारी लेखापाल प्रमोद कुमार के खिलाफ राजगीर थाना में धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा का मुकदमा दर्ज किया गया है। उन पर फर्जीवाड़ा कर सरकारी कोष के गबन का भी गंभीर आरोप है।
सहायक समाहर्ता सह कार्यपालक पदाधिकारी सुश्री दिव्या शक्ति के निर्देश पर नगर प्रबंधक रविश चंद्र वर्मा के द्वारा प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है। इसकी पुष्टि थानाध्यक्ष चंद्रभानु ने की है।
प्राथमिकी दर्ज होने के बाद नगर परिषद कार्यालय में पुलिस के द्वारा प्रमोद कुमार की गिरफ्तारी के लिए दबिश बनाया गया। लेकिन पुलिस पहुंचने की भनक मिलते ही भागने में वह सफल हो गया। इधर प्राथमिकी दर्ज होने के बाद सहायक टैक्स दारोगा प्रमोद कुमार और एलडीसी रवि कुमार को निलंबित करने की कार्रवाई शुरू कर दी गयी है।
सहायक टैक्स दारोगा प्रमोद कुमार नगर परिषद राजगीर के प्रभारी लेखापाल का दायित्व निर्वहन करते हैं। कार्यपालक पदाधिकारी के समक्ष उपयोगिता प्रमाणपत्र से संबंधित दस्तावेजों पर पहले से ही कार्यपालक पदाधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर है।
फोटो कॉपी लगा दस्तावेज ही जालसाजी का स्पष्ट प्रमाण मिला है, जो वित्तीय लेनदेन या संपत्ति विनियम के लिए प्राधिकरण होने का दिखावा करता है। कैश बुक में संबंधित प्रविष्टियां का मिलान करने पर जालसाजी का आरोप सही पाया गया है। संलग्न कैश बुक की फोटो कॉपी नकली है।
संबंधित प्रविष्टियां वास्तव में कैश बुक में मौजूद नहीं है। कुछ मामलों में रोकड़ बही प्रविष्टि की फोटो कॉपी में जालसाजी की गयी है। उपयोगिता की राशि को बढ़ा चढ़ा कर कार्यपालक पदाधिकारी को प्रस्तुत किया गया है, जो सरकारी धन के दुरुपयोग का स्पष्ट मामला है।
13 साल पहले डीएम ने प्रमोद को बर्खास्त करने का दिया था आदेशः डीएम के पत्रांक 35 / 11 दिनांक 12.8.11 द्वारा स्वर्गीय राम सरोवर सिंह का गलत मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत करने के आरोपी सहायक टैक्स दरोगा प्रमोद कुमार की सेवा बर्खास्त करने का आदेश दिया गया है। उन पर पंजी में अनावश्यक छेड़छाड़ के अलावे गलत तिथि अंकित करने के मामले की जांचोपरांत आरोप सही पाये जाने के बाद सहायक टैक्स दारोगा सह सहायक प्रमोद कुमार को सेवा से बर्खास्त करने हेतु डीएम द्वारा कार्यपालक पदाधिकारी, राजगीर को आदेश दिया गया था। लेकिन डीएम के उस आदेश का कार्यपालक पदाधिकारी, राजगीर द्वारा अब तक अनुपालन नहीं किया गया है।
प्रमोद ने पहले अमरेन्द्र के नाम से की थी नौकरीः प्राथमिकी अभियुक्त प्रमोद कुमार के द्वारा केवल कैश बुक में ही नहीं, बल्कि अपनी सेवा और शैक्षणिक प्रमाण पत्रों में भी हेराफेरी की गयी है। राजगीर के नगर पंचायत अब नगर परिषद में उनके द्वारा पहले अमरेन्द्र कुमार सिन्हा के नाम से नौकरी की गयी थी। वर्तमान में वे प्रमोद कुमार के नाम से नौकरी कर रहे हैं।
सूत्रों की माने तो डीपी राय प्लस टू स्कूल, दीपनगर, कोरई की दाखिला पंजी में उनका नाम अमरेन्द्र कुमार सिन्हा, पिता राम विलास प्रसाद सिन्हा की आयु 20.11.1968 है। स्वामी हंसदेव मुनि उदासीन संस्कृत महाविद्यालय, राजगीर से 2004 में नाम बदलकर प्रमोद कुमार द्वारा उप शास्त्री की परीक्षा पास की गयी है।
आगे उनके दोनों शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच बाद उम्र छिपा कर एवं नाम बदलकर नौकरी करने के मामले का पर्दाफाश हो सकता है। वोटर लिस्ट और पारिवारिक सूची में भी उनका नाम अमरेन्द्र कुमार सिन्हा दर्ज है। वोटर लिस्ट में फोटो भी प्रमोद कुमार का है।
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