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    Monday, December 9, 2024
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      इस्लामपुर में माँ दुर्गा का पट खुलते ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी

      Crowd of devotees gathered in Islampur as soon as the doors of Maa Durga opened 2इस्लामपुर (नालंदा दर्पण)। स्थानीय इस्लामपुर बाजार अवस्थित प्राचीन श्री सिद्धपीठ माँ दुर्गा बड़ी देवी, मलिकसराय माँ काली, वुद्घदेवनगर माँ जगदम्वा, पक्की तलाव पर भारत माता, अतासराय माँ दुर्गा, सीता राम लक्ष्मण आदि मंडपों में पट खुलते ही पूजा अर्चना करने वाले श्रदाल्लुओं का भीड़ उमड़ पड़ी।

      यहाँ मन्नतें पूरी होने पर दूर दराज से सभी धर्म के लोग आकर माँ बड़ी दुर्गा पर सोने के नथ, पैसा, आभुषण आदि सामाग्री चढ़ावा चढाते हैं।

      इस मंडप के नीचे गर्भ गृह में महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती का पिंडी विराजमान है, जहाँ पर श्रद्धालुओं द्वारा सालों भर पूजा अर्चना की जाती है।

      पूजा प्रबंध समिति की ओर से मंडप को आकर्षित ढंग से सजाया गया है। परिसर में पंडाल के साथ रोशनी का उतम प्रबंध किया गया है।Crowd of devotees gathered in Islampur as soon as the doors of Maa Durga opened 1

      अद्भुत रोशनी के कारण प्रतिमा दर्शन करने वाले श्रदाल्लुओं को रात दिन का पता नहीं चल पाता है और समय कट जाता है।

      आस पास में पूजा सामाग्री की सजी दुकान से नगर का रौनक वढ़ गया है।

      प्रशासन के द्वारा मेला में शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए चौकसी बरती गई है। ध्वनि विस्तारक यंत्र से चारों तरफ गुंज रही भक्ति गीत संगीत से नगर में दुर्गामय वातावरण का महौल बना है।

      बताया जाता है कि यहां का दशहरा मगध क्षेत्र में मशहूर है। यह वैदिक सनातन संतो एंव सूफी संतों की पावन भूमि रहा है।

      18 वीं शताब्दी के महान विद्वान सिद्ध संत, अनेक भाषाओं के ज्ञाता श्री आयोध्या लक्ष्मण किला के संस्थापक तथा सीताराम तत्व जानने के अभिलाषी स्वामी विवेकानंद सरीखे महर्षि के अभिलाषी संत के रूप में स्वामी श्री युगलानंद शरण जी महाराज की पावन जन्म भूमि इस्लामपुर स्थित श्री आयोध्या ठाकुरबाड़ी 21 वीं शताब्दी मे विरासत के रूप मे आज भी प्रमाण स्वरूप विधमान है।

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