बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले के सरकारी स्कूलों में मध्यान्ह भोजन (एमडीएम) योजना के तहत मिलने वाले भोजन की रिपोर्ट को ई-शिक्षा कोष (E-Shiksha Kosh) पोर्टल पर अपडेट नहीं करने वाले प्राचार्यों पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
एमडीएम निदेशक ने इस संदर्भ में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) को एक कड़ा पत्र भेजा है, जिसमें 15 नवंबर तक शत-प्रतिशत छात्रों के डाटा की इंट्री सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है।
जिला रिपोर्ट के अनुसार नालंदा जिले में कुल 2,173 प्रारंभिक स्कूलों में एमडीएम योजना चलाई जा रही है। इनमें से 1,396 स्कूलों में विद्यालय शिक्षा समितियों द्वारा और 777 स्कूलों में एनजीओ द्वारा बच्चों को पका-पकाया भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
लेकिन चिंता का विषय यह है कि इन स्कूलों में से केवल 50 प्रतिशत स्कूल ही ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर नियमित रूप से भोजन करने वाले छात्रों की जानकारी, भोजन न बनने के कारण, खाद्यान्न की उपलब्धता और वेंडर द्वारा उपलब्ध कराई गई सामग्री की इंट्री कर रहे हैं।
शेष 1,093 स्कूलों के प्रधानाचार्य विभागीय आदेश का पालन करने में असमर्थ या अनिच्छुक हैं। जिसके कारण एमडीएम से संबंधित आवश्यक जानकारी पोर्टल पर दर्ज नहीं की जा रही है। विशेष रूप से चंडी, नगरनौसा, बिहारशरीफ, सिलाव, रहुई और नूरसराय प्रखंडों के स्कूलों में रिपोर्ट की स्थिति अत्यंत निराशाजनक है। यहाँ के प्राचार्य बेहद धीमी गति से डेटा इंट्री कर रहे हैं।
एमडीएम निदेशक ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि 15 नवंबर तक सभी छात्रों की जानकारी पोर्टल पर अपडेट होनी चाहिए, अन्यथा संबंधित प्राचार्यों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
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