बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले के 6 से 14 वर्ष आयु वर्ग के शत-प्रतिशत छात्र-छात्राओं का विद्यालय में नामांकन कराने के लिए एक अप्रैल से विशेष नामांकन अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान को प्रवेशोत्सव का नाम दिया गया है।
इस अभियान के माध्यम से 30 जून तक शत-प्रतिशत छात्र छात्राओ का नामांकन कराया जाएगा। सरकारी स्कूलों में नए शैक्षणिक सत्र 2024-25 की शुरुआत 1 अप्रैल से होने जा रही है। इसी दिन से सभी सरकारी विद्यालयों के द्वारा विशेष नामांकन अभियान भी चलाया जाएगा।
इसके तहत सभी विद्यालयों के पोषक क्षेत्र में शत-प्रतिशत बच्चों को उनके उम्र के सापेक्ष कक्षा में नामांकन कराया जाएगा। अभियान के तहत नामांकित बच्चों के साथ-साथ क्षिजीत बच्चों को भी विद्यालय में लाने का प्रयास किया जाएगा।
जिला शिक्षा पदाधिकारी राज कुमार के अनुसार कक्षा 1 से 4 एवं 6 से 7 के नामांकित बच्चे तो वार्षिक परीक्षा उत्तीर्ण कर स्वतः अगली कक्षा में प्रोन्नति पा लेते हैं। जबकि वर्ग पांच तथा वर्ग आठ में पढ़ रहे बच्चों को परीक्षा पास कर अगली कक्षा में नामांकन कराना पड़ता है।
उन्होंने बताया कि ऐसा अक्सर देखा जा रहा है की वर्ग 5 तथा वर्ग आठ के शत-प्रतिशत बच्चों का नामांकन अगली कक्षा में नहीं हो पता है। ऐसे बच्चों को विशेष नामांकन अभियान के तहत हर हाल में अगली कक्षा में नामांकन कराया जाएगा।
इसके लिए संबंधित विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि उनके विद्यालय में वर्ग 5 अथवा वर्ग आठ में पढ़ रहे बच्चों की अगली कक्षा में शत-प्रतिशत नामांकन हो। इसके लिए प्रत्येक पंचायत में प्रचार प्रसार भी किया जाएगा ताकि छात्र- अभिभावक अपने पंचायत के ही मध्य अथवा माध्यमिक विद्यालयों में अवश्य नामांकन करा लें।
डीएम की अध्यक्षता में समिति का गठनः प्रवेशोत्सव विशेष नामांकन अभियान को सफल बनाने के लिए शिक्षा विभाग के द्वारा जिले में जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन करने का निर्देश दिया गया है।
जिला पदाधिकारी समिति के अध्यक्ष जबकि शिक्षा विभाग के जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के साथ-साथ आईसीडीएस के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी तथा जीविका के डीपीएम इस समिति के सदस्य होंगे। इस समिति के द्वारा जिले के शत प्रतिशत बच्चों को उनके उम्र के सापेक्ष कक्षाओं में नामांकन सुनिश्चित कराया जाएगा।
सभी प्रखण्डों में सोमवार एक अप्रैल से 30 जून तक प्रवेशोत्सवः विशेष नामांकन अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत वैसे बच्चे, जिनका नामांकन स्कूल में नहीं हुआ है या बीच में पढ़ाई छोड़ दिये हैं। उनका स्कूलों में नामांकन कराया जाएगा। यह अभियान कक्षा एक से आठ तक के बच्चों के लिए होगा। इस अभियान की निगरानी जिला स्तर पर गठित समिति द्वारा की जाएगी।
बिहार शिक्षा परियोजना निदेशक बी कार्तिकेय धनजी द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारी को इस संबंध में दिशा निर्देश जारी किया गया है। प्रवेशोत्सव का मुख्य उद्देश्य शतप्रतिशत बच्चों का स्कूलों में नामांकन सुनिश्चित करना है। शैक्षणिक सत्र 2023-24 के परीक्षा परिणाम के साथ सभी बच्चों के अभिभावकों के साथ स्कूलों में बैठक आयोजित करने के लिए भी आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।
बच्चों का उनकी उम्र के अनुसार कक्षा में नामांकन नहीं हो पता था। इस कारण कई बच्चे स्कूल से बाहर रह जाते थे। अभियान की शुरुआत स्कूलों में एक अप्रैल से आयोजित किया जाएगा।
स्कूल के बाहर के बच्चों की जायेगी सूचना संग्रह: शहरी क्षेत्र में कुछ बच्चे चौक चौराहा, ईंट भट्ठा, रेलवे स्टेशन, मंदिर-मस्जिद, कुंड क्षेत्र, गुरुद्वारा आदि जगहों पर घूमते रहते हैं।
ऐसे बच्चों को विशेष अभियान के तहत स्कूलों में नामांकन करने के लिए अभियान चलाया जायेगा। इसके लिए जिला स्तर पर डीईओ के नेतृत्व में गठित कमिटी द्वारा स्कूल से बाहर के बच्चों की सूचना संग्रह की जाएगी।
टोला सेवकों और तालीमी मरकज की होगी जिम्मेदारी: टोला सेवकों और तालिमी मरकज की जिम्मेदारी तय की गयी है कि वह प्रतिदिन अपने क्षेत्र के कम से कम 90 फीसदी बच्चों की स्कूलों में उपस्थिति सुनिश्चित करायें।
यदि कोई बच्चा लगातार स्कूलों से गैर हाजिर है तो इसकी सूचना उन्हें प्रधानाध्यापक को देनी होगी। इस दौरान स्कूल के पोषक क्षेत्र के छह से 14 साल आयु वर्ग के सभी बच्चों की सूची उनके द्वारा बनाई जाएगी।
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