नालंदा दर्पण डेस्क। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में क्रियान्वित योजनाओं में हर तरफ लूट-खसोंट मची है। इसका एक बड़ा उदाहरण नव नालंदा महाविहार समविश्वविद्यालय के सामने देखने को मिल रहा है।
यहां एक इन्दिरा तालाब का व्यापक जीर्णोद्धार कार्य किया गया है। यह योजना वित्तीय वर्ष 2022-23 की है। जिसका प्राक्कलित राशि 1.93 करोड़ रुपए बताया जाता है।
इस जीर्णोद्धार कार्य की शुरुआत 27 मार्च, 2023 हुई थी और 26 सितम्बर, 2023 यानि कि मात्र 6 महीने में जैसे-तैसे पूरा कर पूरी राशि निकाल ली गई है।
यदि यहां सही से कार्य हुआ होता तो जितनी राशि खर्च बताया जाता है और तालाब की खुदाई क्षेत्रफल नापी गई है, उस आलोक में तालाब के चारो ओर मिट्टी का पहाड़ खड़ा हो जाना चाहिए था। लेकिन देखने से ऐसा कहीं प्रतीत नहीं होता है।
इस महात्वाकांक्षी योजना का कार्यकारी एजेंसी कार्यपालक अभियंता, लघु सिंचाई प्रमंडल नालंदा और संवेदक संतोष कुमार, जहानाबाद बताया जाता है।
विभागीय कृपा से जहानाबाद के संवेदक संतोष कुमार द्वारा नालंदा जिले में अनगिनत कार्य किए गए हैं। सबकी हालत एक जैसी ही है। एक तरह से इस संवेदक का सर्वाधिक पसंदीदा लूट क्षेत्र नालंदा बन गया है।
कहा जाता है कि इस संवेदक पर एक बड़े मंत्री का सीधा हाथ है। इसीलिए किसी भी अनियमियता या मनमानी की शिकायत पर कहीं से कोई जांच कार्रवाई नहीं होती है। विभागीय अधिकारियों के मेल से विकास योजनाओं का ऐसे ही चूना लगाना फितरत बन गई है।
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