नालंदा दर्पण डेस्क। बिहार राज्य में तकरीबन 370 नियोजित शिक्षकों की नौकरी जायेगी। दूसरी बार भी शिक्षा विभाग की जांच कमेटी के समक्ष हाजिर नहीं होने की वजह से इनकी नौकरी जाने वाली है। इससे संबंधित आदेश जल्दी ही जारी होने के आसार हैं।
राज्यकर्मी बनने के लिए नियोजित शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा हुई थी। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा सक्षमता परीक्षा ली गयी थी। उसमें बैठने वाले नियोजित शिक्षकों में से 1,151 नियोजित शिक्षक बीटीईटी, सीटीईटी, एसटीईटी के रौल नंबर के अनुसार डुप्लिकेट के रूप में चिन्हित किये गये थे।
उसके बाद शिक्षा विभाग अधिक नियोजित शिक्षकों के डॉक्यूमेंट भी जब्त किये गये। ऐसे नियोजित शिक्षकों का भौतिक के दायरे में आने वाले दर्जन भर से सत्यापन कराने का फैसला किया। इसके लिए बजाता कमेटी बनायी गयी। फिर, भौतिक सत्यापन का शिड्यूल बना।
शिड्यूल के हिसाब से डुप्लिकेट के रूप में चिन्हित ऐसे सभी 1,151 नियोजित शिक्षक भौतिक सत्यापन के लिए शिक्षा विभाग के डॉ. मदन मोहन झा स्मृति सभागार में तलब किये गये। शिड्यूल के तहत भौतिक सत्यापन का कार्य सात मार्च से शुरू होकर 22 मार्च तक चला। उसमें 1,151 नियोजित शिक्षकों में 420 नियोजित शिक्षक ऐसे निकले, जो भौतिक सत्यापन के लिए जांच कमेटी के समक्ष हाजिर ही नहीं हुए। इससे ऐसे शिक्षक पूरी तरह शक के घेरे में आ गये।
लेकिन, भौतिक सत्यापन में गैरहाजिर 420 नियोजित शिक्षकों पर काररवाई के पहले शिक्षा विभाग ने उन्हें एक और मौका देने का निर्णय लिया। ऐसा निर्णय इसलिए लिया गया, ताकि इन 420 नियोजित शिक्षकों में से असली सर्टिफिकेटधारी शिक्षक अगर किसी खास वजह से पहली बार जांच कमेटी के समक्ष हाजिर नहीं हो पाये हों, तो दूसरी बार में शामिल हो सके।
उसके बाद शिक्षा विभाग ने संबंधित 420 नियोजित शिक्षकों के भौतिक सत्यापन के लिए दूसरा शिड्यूल जारी किया। इसकी सूचना जिला शिक्षा पदाधिकारियों के माध्यम से संबंधित शिक्षकों तक पहुंचायी गयी।
संबंधित सभी 420 नियोजित शिक्षकों को यह चेतावनी भी दे दी गयी कि जांच कमेटी के समक्ष हाजिर नहीं होने वाले शिक्षकों को फर्जी घोषित करने का निर्णय लिया जा सकता है, जिसके लिए संबंधित शिक्षक खुद जिम्मेदार होंगे।
इसके मद्देनजर तय शिड्यूल के तहत शिक्षा विभाग के डॉ. मदन मोहन झा स्मृति सभागार में ही 10 अप्रैल से 15 अप्रैल तक जांच कमेटी बैठी। लेकिन, संबंधित 420 नियोजित शिक्षकों में से तकरीबन 50 नियोजित शिक्षक ही जांच कमेटी के समक्ष हाजिर हुए। बाकी तकरीबन 370 नियोजित शिक्षक दूसरी बार भी जांच कमेटी के समक्ष हाजिर नहीं हुए।
हालांकि, संबंधित 420 नियोजित शिक्षकों में जांच कमेटी के समक्ष हाजिर होने वाले 45-50 नियोजित शिक्षकों में जिनके सर्टिफिकेट फर्जी पाये गये, उनकी नौकरी तो जा ही रही है। इनमें कई तो जांच कमेटी के समक्ष अपना सर्टिफिकेट छोड़ कर ही भाग खड़े हुए थे।
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