नालंदा दर्पण डेस्क। बिहारशरीफ नगर अवस्थित बाबा मणिराम की ख्यात्ति आज पूरे विश्व में है। उनकी चमत्कारी तथा अलौकिक शक्ति की वजह से देश-दुनिया के लोग इस पावन धरती की ओर खींचे चले आते बाबा की यादों से जुड़ा यहां एक तालाब भी है। जो आज सूर्य मंदिर तालाब के रूप में प्रसिद्ध है।
कभी यह तालाब एक पोखर की तरह था लेकिन बढ़ती ख्याति को देखते हुए 2008 में इस तालाब का जीर्णोद्धार किया गया। आज इसकी चौड़ाई जहां सौ फीट है, वहीं लंबाई डेढ़ सौ फीट है। अलौकिक शक्ति व सुविधाओं की वजह से यह तालाब आज छठ घट के रूप में प्रसिद्ध है।
बड़गांव सूर्य मंदिर तालाब के बाद यह जिले का दूसरा सबसे प्रसिद्ध छ घट तालाब है। जहाँ छठ के पावन मौके पर करीब एक लाख श्रद्धालु यहां जुटते हैं। इस छठ घाट में स्नान कर अध्य देने वाले लोगों की मनोकामना सद सीढ़ियों की मरम्मत पूरी होती है।
फिलहाल छठ को लेकर इस ख्याति प्राप्त तालाब की सफाई करवाई जा रही है। वहीं रंग-रंगोन व सीढ़ियों की मरम्मत का कार्य भी चल रहा है। तालाब में साफ जल भरे गए हैं। लोग गहरे पानी में न उत्तरे इसे लेकर प्रशासन के द्वारा वैरिकेडिंग की जा रही है। सुरक्षा को लेकर तमाम उपाय किए जा रहे हैं। तैराकों को भी लगाया गया है ताकि विशेष परिस्थिति में उनको लगाया जा सके।
मान्यता है कि बाबा के स्पर्श से बढ़ती गई इस बालाब के जल की शक्ति बाबा मणिराम अखाड़ा न्यास समिति के सचिव अमरकांत भारती बताते हैं कि बाबा मणिराम का आगमन इस स्थान पर 1238 ई. में हुआ था। वे अयोध्या से चलकर यहाँ आए थे।
बाबा इसी तालाब में स्नान कर ध्यान चिंतन लगाते थे। बाबा के स्पर्श से इस तालाब के जल की शक्ति भी बढ़ती गई। बाबा से मिलने आने वाले लोग को इस तालाब में स्नान का परामर्श दिया जाता था। आज भी बाबा की समाधि पर मन्नत मांगने वाले लोग इस तालाब में स्नान करना नहीं भूलते।
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