हरनौत (नालंदा दर्पण)। हरनौत प्रखंड मनरेगा परिसर स्थित तालाब में सोमवार से सुरक्षित तैराकी प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई। बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से जारी कार्यक्रम के अनुसार प्रत्येक अंचल में 6 से 18 वर्ष की आयु के छात्रों को तैराकी का प्रशिक्षण दिया जाना है।
अंचलाधिकारी नीरज कुमार व शाहिद हुसैन फैजी ने बताया कि सोमवार को प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों के तकरीबन 60 लोगों को 5 नामित प्रशिक्षक ने प्रशिक्षण दिया।
उन्होंने बताया कि डब्ल्युएचओ की एक रिपोर्ट के अनुसार डूबकर मौतों में सर्वाधिक छह से 18 वर्ष की आयु वर्ग के होते हैं। इसके लिए बंगलादेश में इस तरह का प्रशिक्षण कार्यक्रम किया गया। क्योंकि वहां डूबने से मौतों की संख्या ज्यादा थी। प्रशिक्षण के बाद से घटना में 50 फीसदी से अधिक कमी आई।
इस पर नीतीश कुमार की सरकार ने भी राज्य में सुरक्षित तैराकी प्रशिक्षण कार्यक्रम का खाका तैयार किया। इसकी जिम्मेवारी आपदा प्रबंधन विभाग को दी।
इसके लिए स्कूलों व जनप्रतिनिधियों के माध्यम से सामुदायिक स्तर से छात्रों व युवाओं का जुटान किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत प्रतिभागियों की मेडिकल जांच से हुई।
मेडिकल टीम में डॉ. नवीन कुमार, डॉ. आजाद, डॉ. प्रीति कुमारी, फार्मासिस्ट ललित कुमार, एएनएम विनीता कुमारी, रश्मि, मनोज कुमारी व मुन्नी कुमारी थे। जबकि मास्टर ट्रेनर के रुप में मनोज कुमार शर्मा, विद्यासागर यादव, रामसागर रमण, किशुनंदन यादव, गोपाल कुमार सिंह शामिल थे।
कार्यक्रम में अनि आभा कुमारी, अवधेश कुमार, उप प्रमुख अभिषेक कुमार, मुखिया हरिनारायण सिंह, चंद्र उदय कुमार ,बालकृष्ण सौरव, ओमनारायण सिंह, विपीन कुमार, मधुसूदन सिंह, श्याम सुंदर सिंह धीरज, विरेंद्र कुमार व अन्य शामिल थे।
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