“यह मुद्दा न केवल शिक्षा के अधिकार की बात को उजागर करता है, बल्कि सरकारी तंत्र के प्रति जवाबदेही की आवश्यकता को भी रेखांकित करता है। शिक्षा के लिए उचित संसाधन और वातावरण का होना प्रत्येक बच्चे का अधिकार है। लेकिन यहां की दुर्दशा काफी चिंताजनक नजर आ रही है…
नालंदा दर्पण डेस्क। बिहार के दरभंगा जिला अंतर्गत कुशेश्वरस्थान प्रखंड अवस्थित प्राथमिक विद्यालय भटवन सतीघाट की कुछ तस्वीरें हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर वायरल हो रही हैं। इन तस्वीरों ने सरकारी स्कूलों के बुनियादी ढांचे की बदहाली को उजागर किया है और शिक्षा विभाग पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
तस्वीरों में देखा जा सकता है कि बच्चे एक जीर्ण-शीर्ण झोपड़ीनुमा ढांचे के नीचे बिना किसी उचित सुविधा के पढ़ाई करने को मजबूर हैं। स्कूल में न तो पर्याप्त बैठने की व्यवस्था है और न ही उचित छत। बरसात के दिनों में स्थिति और भी बदतर हो जाती है। बच्चे खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर होते हैं।
सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को उजागर करते हुए एक यूजर ने बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (ACS) एस. सिद्धार्थ को टैग कर एक वीडियो कॉल के माध्यम से स्कूल की वास्तविक स्थिति का जायजा लेने का अनुरोध किया है। यूजर ने शिक्षा विभाग से इस स्कूल के बुनियादी ढांचे को दुरुस्त करने की मांग की है।
यह घटना केवल एक स्कूल तक सीमित नहीं है। यह बिहार के अन्य हिस्सों में सरकारी स्कूलों की खराब स्थिति की ओर इशारा करती है। कई स्कूल बुनियादी ढांचे की कमी से जूझ रहे हैं, जो बच्चों के शिक्षा के अधिकार को प्रभावित करता है।
सोशल मीडिया पर लोगों ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं। कई यूजर्स ने सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। वहीं कुछ ने शिक्षा व्यवस्था में सुधार की व्यापक नीति बनाने की जरूरत पर जोर दिया है।
बिहार सरकार और शिक्षा विभाग ने इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन उम्मीद है कि वायरल होती इन तस्वीरों के दबाव में स्कूल की स्थिति में सुधार के लिए कदम उठाए जाएंगे।
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