नालंदा दर्पण डेस्क। सूचना और संचार के इस नए दौर में आम नागरिक के लिए सोशल मीडिया वाक्य और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का एक मजबूत माध्यम बन गया है। उनमें सर्वाधिक लोकप्रिय माध्यम फेसबुक, ट्वीटर, व्हाट्सएप्प और यूट्यूब माना जाता है। ऐसे प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर लोग काफी कमाई भी कर रहे हैं। भारत जैसे देश में भी आज हजारों-लाखों ऐसे यूट्यूबर हैं, जो रोज हजारों-लाखों कमा करे हैं। लेकिन इस दौरान उनकी कुछ ऐसी हरकतें भी सामने आती रहती है, जो मीडिया के एथिक्स नहीं कहे जा सकते। चूकि उनका मेन मकसद व्यूज और पैसा पाना होता है, इसलिए वे उस दिशा में सोच भी नहीं सकते।
नालंदा जिला अंतर्गत इस्लामपुर प्रखंड अवस्थित जय किसान चंधारी प्लस टू उच्च विद्यालय खारीजमा फरीदपुर के हेड मास्टर अमरकांत प्रसाद की है। इस वीडियो में हेड मास्टर साहब अमित चौरसिया का नाम ले रहें हैं। जो एक यूट्यूबर है। वह विभिन्न मुद्दों और समस्याओं को लेकर यूट्यूब पर वीडियो डालता है। अन्य शोसल माइक्रो ब्लॉगिंग साइट पर शेयर करता है। इससे उसे अच्छी खासी कमाई भी होती है।
अमित चौरसिया ने जय किसान चंधारी प्लस टू उच्च विद्यालय खारीजमा फरीदपुर के हेड मास्टर अमरकांत प्रसाद को लेकर दो वीडियो डाला है। उन वीडियो में हेडमास्टर के साथ दो तीन मारपीट का लाइव कवरेज दिखाया गया है। हेड मास्टर पर आरोप लगाया जा रहा है कि उसने एक छात्रा के साथ चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर गंदा काम किया है।
यूट्यूबर अमित चौरसिया का दूसरा वीडियो दिखाने से पहले हम आपको बता दें कि इस वीडियो के लाइव होते ही सनसनी फैल गई। उस पर हेड मास्टर अमरकांत प्रसाद ने जब सोशल मीडिया अपना एक वीडियो वायरल किया तो अमित चौरसिया ने अपने यूट्यूब वीडियो को प्राइवेट मोड में कर दिया। फिर उसका दूसरा वीडियो वायरल हुआ। जिसमें उसने उस बच्ची का बयान प्राथमिकता से दिखाया, जिसने हेडमास्टर पर गंदा काम करने का आरोप लगाया था।
वेशक यदि किसी शिक्षक के द्वारा स्कूल की बच्ची के साथ गंदा काम किया गया है तो यह एक अक्षम्य अपराध है। लेकिन महज व्यूज पाने और कमाई करने की लालसा भी कम खतरनाक नहीं है। किसी के साथ मारपीट का वीडियो वायरल होना अलग बात है और किसी के साथ जारी मारपीट का लाइव कवरेज करना अलग गंदी बात।
खासकर जब कोई शिक्षक अपने स्कूल परिसर में हो और छात्र-छात्राएं वहां मौजूद हो। आरोप लगाने वाली पीड़ित बच्ची के माता और पिता का सीधे पुलिस और प्रशासन की मदद लेने के बजाय कुछेक लोगों को लेकर एक यूट्यबर के साथ शिक्षक को मारने पीटने स्कूल परिसर पहुंच जाना कम गंभीर अपराध नहीं है।
सिर्फ व्यूज पाने के लिए कोई नौसिखिया या मनीष कश्यप टाइप का कोई यूट्यूबर ही कर सकता है या एक प्लानिंग के तहत करवा सकता है। यह एक मीडियाकर्मी का कार्य कदापि नहीं है। स्थानीय पुलिस-प्रशासन को चाहिए कि इस मामले की तत्काल पड़ताल करें और जो भी दोषी हो, उसके साथ सख्त कार्रवाई करे।
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