राजगीर (नालंदा दर्पण)। अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर में एयरपोर्ट का निर्माण कराया जाएगा। इस पर बिहार कैबिनेट द्वारा प्रस्ताव पारित किया गया है। महादेवपुर के समीप दसकों पहले जिस भूमि को हेलीपैड निर्माण के लिए चिन्हित किया गया था। उसी भूमि पर एयरपोर्ट निर्माण की प्रशासनिक तैयारी की जा रही है।
राजस्व पदाधिकारी के द्वारा उक्त जमीन की पैमाइश कराई जा रही है। लेकिन एयरपोर्ट के लिए कितनी जमीन का अधिग्रहण किया गया है या किया जाना है। इसकी जानकारी यहां के पदाधिकारियों को नहीं है। राजगीर में वर्षों से एयरपोर्ट का डिमांड किया जाता रहा है।
तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम, तत्कालीन विदेश मंत्री खुर्शी द्वारा राजगीर के आर आईसीसी में राजगीर में एयरपोर्ट बनने पर सहमति जताई गई थी। अनेक सांसदों और स्थानीय लोगों व संगठनों द्वारा एयरपोर्ट निर्माण के लिए बैठक और आन्दोलन भी किया गया है।
कैबिनेट से राजगीर में एयरपोर्ट बनाने के लिए सहमति प्रदान करने पर स्थानीय लोगों में काफी खुशी है। लोगों को उम्मीद है कि एयरपोर्ट बनने के बाद राजगीर के पर्यटन को पंख लगेंगे? बोधगया और बनारस की तरह राजगीर में भी विदेशी पर्यटकों का आगमन बढ़ जाएगा। हालांकि कुछ साल पहले नालंदा रेलवे स्टेशन के समीप एयरपोर्ट निर्माण के लिए स्थल का चयन किया गया था।
केंद्रीय नगर विमानन मंत्रालय के पदाधिकारी द्वारा स्थल निरीक्षण भी किया गया था। जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई भी शुरू हुई थी। लेकिन वह मामला खटाई में पड़ गया। शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में राजगीर में एयरपोर्ट बनाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस स्वीकृति से राजगीर के हर वर्ग में काफी खुशी है।
लोकसभा चुनाव के पहले राजगीर में एयरपोर्ट बनाने के लिए 6000 फीट लंबाई का रनवे के लिए एवं एक टर्मिनल भवन निर्माण के लिए भूमि चिन्हित करने की कार्रवाई आरंभ की गई है। लोग बताते हैं कि राजगीर एयरपोर्ट के सभी मानकों को पूरा करता है।
यहां के राजस्व पदाधिकारियों ने बताया कि राजगीर में एयरपोर्ट निर्माण के लिए कितनी जमीन का अधिग्रहण होना है। यह उन्हें जानकारी नहीं है। लेकिन जमीन की पैमाईश शुरू कर दी गई है।
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार महादेवपुर और नालंदा विश्वविद्यालय के दक्षिण हेलीपैड निर्माण के लिए तत्कालीन डीएम एनके सिन्हा द्वारा जमीन चिन्हित किया गया था। उनके द्वारा चिह्नित भूमि का समतलीकरण भी कराया गया था लेकिन उनके ट्रांसफर होने के बाद यह मामला खटाई में पड़ गया।
बाद में तत्कालीन जिला अधिकारी अरुण कुमार सिंह द्वारा भी इस प्रस्तावित हेलीपैड के निर्माण कार्य को लेकर मिट्टी भराई का काम आरंभ किया गया। लेकिन मिट्टी भराई और समतलीकरण का कार्य पूर्ण नहीं हो सका था। तब से यह मामला खटाई में पड़ा था। लेकिन शुक्रवार को कैबिनेट से राजगीर में एयरपोर्ट बने की स्वीकृति मिलने के बाद स्थानीय लोगों के साथ पदाधिकारी में भी जोश भर गया है।
कैबिनेट द्वारा पारित प्रस्ताव के अनुसार राजगीर में विमान के परिचालन हेतु 6000 फीट लंबाई का रनवे तथा एक टर्मिनल भवन का निर्माण होना है। इसके लिए भूमि चिन्हित कर हवाई अड्डा के निर्माण हेतु सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है।
राजगीर में बहुत नए भवन और प्रतिष्ठान व शैक्षणिक संस्थान हैं। उनमें नालंदा विश्वविद्यालय, बिहार पुलिस अकादमी, जू सफारी, नेचर सफारी, ऑर्डनेंस फैक्ट्री, सीआरपीएफ ट्रेनिंग सेंटर, सैनिक स्कूल आदि है।
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