बिहार शरीफ (नालंदा दर्पण)। राजगीर, जो कभी मगध साम्राज्य की राजधानी थी, अब बिहार की दूसरी राजधानी बनने की ओर तेजी से बढ़ रहा है। सीएम नीतीश कुमार के विजन के तहत इस ऐतिहासिक नगर को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है, जो इसे न केवल एक प्रमुख पर्यटन स्थल बल्कि एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक और खेल केंद्र भी बना रहा है।
आज राजगीर में पर्यटन के क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास देखा जा रहा है। सफारी पार्क, नेचर सफारी, और इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर जैसी परियोजनाएं पर्यटकों को आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। घोड़ा कटोरा पहाड़ी झील का सौंदर्यीकरण और वेणु वन का विस्तार प्राकृतिक सौंदर्य को बढ़ा रहे हैं। आठ सीटर केबिन रोप-वे पर्यटकों को अद्वितीय दृश्य प्रदान कर रहा है, जबकि पांडू पोखर का नवीनीकरण इसके ऐतिहासिक महत्व को पुनर्जीवित कर रहा है।
अब विश्वस्तरीय सुविधाओं से सजा राजगीर का खेल परिसरः 29 अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा उद्घाटित किए गए स्पोटर्स एकेडमी और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम राजगीर को खेल का नया केंद्र बना रहे हैं।
करीब 740 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित यह परिसर बीसीसीआई के मानकों के अनुरूप है, जो अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी करने में सक्षम है। 90 एकड़ में फैली स्पोर्ट्स एकेडमी में अत्याधुनिक सुविधाएं हैं, जिनमें लाइब्रेरी, फिटनेस सेंटर, स्विमिंग पूल, और रिसर्च सेंटर शामिल हैं।
करीब 45 एकड़ में निर्मित क्रिकेट स्टेडियम 40,000 दर्शकों की क्षमता के साथ विश्वस्तरीय है। यहां 40 से अधिक इनडोर और आउटडोर खेलों की सुविधाएं उपलब्ध हैं, जो क्रिकेट से लेकर कबड्डी, टेनिस, फुटबॉल, और मार्शल आर्ट्स तक को कवर करती हैं।
राजगीर के विकास की कहानी यहीं नहीं रुकती। निर्माणाधीन फिल्म सिटी बिहार को बॉलीवुड का नया केंद्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए भूमि अधिग्रहण पूरा हो चुका है, जो राजगीर को वैश्विक मानचित्र पर लाएगा।
राजगीर का यह बहुआयामी विकास बिहार के लिए एक नए युग की शुरुआत का संकेत है। यह न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा, बल्कि युवाओं के लिए नए अवसर भी पैदा करेगा।
सीएम नीतीश कुमार के शब्दों में, राजगीर जल्द ही अन्य राज्यों को टक्कर देगा और बिहार की दूसरी राजधानी के रूप में उभरेगा।” यह परियोजना न केवल राजगीर के लिए, बल्कि संपूर्ण बिहार के लिए एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है, जहां विरासत और आधुनिकता एक साथ विकसित हो रही हैं।
नालंदा विश्वविद्यालय का नया परिसर और बिहार पुलिस अकादमी राजगीर को एक शैक्षिक और प्रशिक्षण केंद्र के रूप में स्थापित कर रहे हैं। ये संस्थान न केवल छात्रों और पुलिस कर्मियों को आकर्षित कर रहे हैं, बल्कि शहर की बौद्धिक और सांस्कृतिक गतिविधियों को भी बढ़ावा दे रहे हैं।
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