बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। पुरानी अदावत को लेकर हुई हत्या के मामले में कोर्ट ने आरोपित पिता और पुत्र को दोषी पाते हुए उम्र कैद की सजा सुनायी। साथ ही 20 हजार रुपये का जुर्माना भी किया। जुर्माना की राशि जमा नहीं करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
बिहारशरीफ व्यवहार न्यायालय के एडीजे छह सह एससी-एसटी के विशेष न्यायाधीश धीरज कुमार भास्कर ने आरोपित पिता मल्लु राम और उसके बेटे शिशुपाल राम को हीरा पासवान की हत्या के अलावा घातक हथियार लेकर बलवा करने व शस्त्र अधिनियम में भी तीन वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनायी है।
साथ ही सात हजार रुपये का जुर्माना भी किया है। इसके अलावा एक अन्य धारा में भी दो साल कठोर कारावास व दो हजार रुपये का जुर्माना किया गया है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
वहीं इसी मामले के आठ अन्य आरोपित दिनेश राम, अजय राम, राजकुमार, अमरेंद्र कुमार, संजय कुमार, नीतीश कुमार, राजेश्वर प्रसाद व संजीत राम को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया है। जबकि चार आरोपित संतोष राम, नरेश राम, जितेंद्र कुमार व अमरीश राम से जुड़ा मुकदमा अभी न्यायालय में लंबित है। सभी आरोपित हरनौत थाना क्षेत्र के मुदारी गांव के निवासी हैं।
स्पेशल पीपी राणा रणजीत सिंह ने सभी आठ लोगों की गवाही करायी थी। जबकि बचाव पक्ष से अधिवक्ता कामेश प्रसाद, शैलेश कुमार सिंह व ध्रुव कुमार ने बहस की थी।
बता दें कि तीन मई 2021 को सुबह 9:30 बजे सूचक बिजेंदर पासवान अपने घर के दरवाजे पर बैठा था। इसी दौरान हो-हल्ला की आवाज सुनकर गांव के पूरब अखिलेश महतो के खेत के पास पहुंचा तो देखा कि सभी आरोपित हरवे हथियार से लैस होकर आए और पूर्व की दुश्मनी को लेकर उसके भाई हीरा पासवान से बाता-बाती करने लगे और फिर हमलाकर हत्या कर दी।
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