बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय (पीपीयू) द्वारा आयोजित डिग्री सेमेस्टर-2 की परीक्षा के पांचवें दिन द्वितीय पाली की परीक्षा में नालंदा जिले के सभी केन्द्रों पर उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब विश्वविद्यालय द्वारा केंद्राधीक्षकों को फोन कर सूचना दी गई की द्वितीय पाली की पर्सनालिटी डेवलपमेंट सब्जेक्ट का प्रश्न पत्र गलत भेज दिया है। इस प्रश्न पत्र का इस्तेमाल नहीं किया जाए।
विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा केन्द्रों के मेल पर वास्तविक प्रश्न पत्र भेजा जा रहा है, जिसे प्रिंट कर परीक्षार्थियों के बीच वितरित किया जाय। हालांकि द्वितीय पाली की परीक्षा में सभी परीक्षा केन्द्रों पर विश्वविद्यालय के निर्देशानुसार द्वितीय पाली की परीक्षा का प्रश्न पत्र परीक्षार्थियों को 2:00 बजे वितरित कर दिया गया था। जबकि विश्वविद्यालय के द्वारा लगभग ढाई बजे फोन पर प्रश्न पत्र के गलत होने की जानकारी दी गई।
ईमेल से उपलब्ध कराया गया दूसरा प्रश्न पत्रः केंद्राधीक्षकों को मेल पर उपलब्ध कराए गए प्रश्न पत्र को अपलोड कर प्रिंट करने में भी लगभग आधे घंटे का समय लगा। इसके बाद लगभग 3:00 बजे से द्वितीय पाली की परीक्षा शुरू हुई। कुछ बच्चे प्रश्न पत्र वितरित होने के बाद शुरू में ही आपस में प्रश्न पत्र के गलत होने की बात दबी जुबान से कर रहे थे। शिक्षकों में भी प्रश्न पत्र को लेकर उहापोह की स्थिति बनी हुई थी।
इसी बीच विश्वविद्यालय से सूचना मिलने पर वस्तु स्थिति स्पष्ट हो गई। हालांकि इसके पूर्व परीक्षार्थियों को 2:00 बजे ही उत्तर पुस्तिकाओं के साथ-साथ प्रश्न पत्र भी वितरित कर दिए गए थे तथा परीक्षार्थियों के द्वारा गलत प्रश्न पत्र के आधार पर भी अपनी उत्तरपुस्तिकाओं पर कुछ प्रश्नों का यथासंभव उत्तर भी लिखा गया था।
इससे सभी परीक्षा केन्द्रों पर द्वितीय पाली की परीक्षा में कई हजार उत्तर पुस्तिकाएं वापस लेनी पड़ी तथा छात्र- छात्राओं को प्रश्न पत्र के साथ-साथ नई उत्तर पुस्तिकाएं भी उपलब्ध करानी पड़ी। बल्कि परीक्षार्थियों शुक्रवार को आयोजित होनी थी योगा की परीक्षा परीक्षा के लिए लगभग एक घंटे का अतिरिक्त समय भी देना पड़ा।
शुक्रवार को आयोजित होनी थी योगा की परीक्षाः कई केन्द्राधीक्षकों ने बताया कि द्वितीय पाली की परीक्षा में परीक्षार्थियों को पर्सनालिटीडेवलपमेंट की परीक्षा ली जानी थी। विश्वविद्यालय द्वारा उपलब्ध कराए गए प्रश्न पत्र के ऊपर सब्जेक्ट में पर्सनालिटी डेवलपमेंट लिखा हुआ भी था, लेकिन पूरे के पूरे प्रश्न योगा सब्जेक्ट से पूछ गए थे। इसकी परीक्षा 24 मई को होनी थी।
उन्होंने बताया कि प्रकाशक के द्वारा योगा सब्जेक्ट के प्रश्न पत्र के ऊपर पर्सनैलिटी डेवलपमेंट प्रिंट करने से सारा मामला बिगड़ गया। इससे केंद्राधीक्षकों के साथ-साथ परीक्षार्थियों को भारी फजीहत हुई। अंतत: काफी मशक्कत के बाद परीक्षार्थियों की द्वितीय पाली की परीक्षा संपन्न कराई जा सकी।
एक घंटे का दिया गया अतिरिक्त समयः विश्वविद्यालय के द्वारा परीक्षा केन्द्रों के ई-मेल पर उपलब्ध कराए गए प्रश्न पत्र को प्रिंट करने तथा परीक्षार्थियों को दूसरी उत्तर पुस्तिका उपलब्ध कराने में काफी देर हुई। इससे वास्तविक परीक्षा की शुरुआत लगभग 3:00 बजे अपराह्न से शुरू हुई। इसलिए परीक्षार्थियों को लगभग एक घंटे का अतिरिक्त समय दिया गया। परीक्षार्थियों को भी लगभग 1 घंटे की देरी से परीक्षा केंद्र से बाहर आना पड़ा।
छात्राओं के अभिभावक शाम 6 बजे तक परीक्षा केन्द्रों के बाहर इंतजार करते रहे। उन्हें परीक्षा शुरू होने के काफी देर के बाद वस्तु स्थिति की जानकारी मिल सकी। इस पर कई अभिभावकों ने हैरानी जताई तो कईयों ने विश्वविद्यालय की इस गलती पर चुटकी भी ली। अंततः परीक्षार्थी अपने विषय की परीक्षा देकर इत्मीनान हुए।
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