बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार माध्यमिक शिक्षा निदेशक द्वारा 10 जून से 30 जून तक सभी स्कूलों में शिक्षण कार्य के लिए समय सारणी का निर्धारण किया गया था। इसमें बच्चों को दिये जाने वाले मध्याह्न भोजन की अवधि 11.30 बजे से 12.10 बजे तक निर्धारित की गई थी।
इससे ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को कठिनाई होने की संभावना को देखते हुए मध्याह्न भोजन योजना के निदेशक के द्वारा मध्याह्न भोजन के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी को ही आवश्यकतानुसार समय-सीमा निर्धारित करने का निर्देश दिया गया है।
उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यालय अवधि के पूर्व कई बच्चों द्वारा अल्पाहार नहीं करने के प्रचलन के कारण मध्याह्न भोजन के संचालन के समय में स्थानीय आवश्यकतानुसार समय निर्धारित करने की आवश्यकता है।
इसलिए स्थानीय परिस्थिति को देखते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी ही अपने जिले के स्कूलों में बच्चों को मध्याह्न भोजन देने के लिए आवश्यकतानुसार समय निर्धारित कर सकते हैं। स्कूलों में शैक्षणिक कार्य के लिए निर्धारित कुल अवधि में परिवर्तन किये बगैर आवश्यकतानुसार मध्याहन भोजन दिये जाने के लिए अधिकतम 35-40 मिनट का समय का निर्धारण कर शैक्षणिक कार्यक्रम का संचालन किया जाय।
प्राथमिक स्कूलों के 540 शिक्षकों का प्रशिक्षण कल से शुरुः
नालंदा जिले के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद, पटना के द्वारा लगातार प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस बार फिर जिले के प्राथमिक स्कूलों के लगभग 540 शिक्षकों को 10 जून से 15 जून तक 6 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह आवासीय प्रशिक्षण दो अलग-अलग प्रशिक्षण केन्द्रों पर दिया जाएगा।
उक्त आशय की जानकारी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी समग्र शिक्षा अभियान राजन कुमार गिरि ने दी और बताया कि जिले के इस्लामपुर, करायपरशुराय, कतरीसराय तथा नगरनौसा प्रखंडों के कुल 260 शिक्षकों को डाइट विक्रम प्रशिक्षण केंद्र पर के नूरसराय, परवलपुर, रहुई तथा राजगीर के कुल 280 शिक्षकों का प्रशिक्षण पीटीईसी महेंद्र पटना में दिया जाएगा।
इसके लिए सभी शिक्षकों को निर्धारित तिथि से एक दिन पूर्व ही 9 जून को अपने-अपने प्रशिक्षण केन्द्रों पर योगदान देने का निर्देश दिया गया है। 10 जून को पूर्वाहन 9:00 बजे के बाद प्रशिक्षण केंद्र पर पहुंचने वाले शिक्षकों को प्रशिक्षण में शामिल नहीं किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि शिक्षकों को बेहतर पठन-पाठन के लिए शिक्षा विभाग के द्वारा यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पूर्व में भी जिले के लगभग 3000 शिक्षकों को विभिन्न प्रशिक्षण केन्द्रों पर प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
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