बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार सेवा लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) शिक्षक भर्ती परीक्षा (टीआरई) वन और टू से नियुक्त सभी शिक्षकों के आवासीय प्रमाणपत्रों की अब जांच होगी। इसकी तैयारी शुरू कर दी गयी है।
शिक्षा विभाग अपने स्तर से आवासीय प्रमाणपत्रों की जांच करेगा। जांच में अगर आवासीय प्रमाणपत्र गलत पाया जायेगा तो उन्हें निष्कासित कर दिया जायेगा और गलत साक्ष्य देने के आरोप में केस भी दर्ज किया जायेगा।
गौरतलब है कि विभिन्न शिक्षक संगठनों ने इस संबंध में शिक्षा विभाग से शिकायत भी की। शिक्षक संगठनों का आरोप है कि राज्य के बाहरी लोग भी गलत आवासीय में बाहरी महिला अभ्यर्थियों और दिव्यांगों को गलत तरीके से मिला आरक्षण का लाभ इससे पहले भी राज्य के बाहर की महिला अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ मिल गया है।
इस संबंध में लगातार कार्रवाई विभिन्न जिलों में जारी है। शिक्षा विभाग ने सभी जिलों से इस संबंध में जानकारी मांगी है और गलत तरीके से आरक्षण का लाभ लेने वाले की नियुक्ति रद्द करने को कहा गया है।
शिक्षक भर्ती परीक्षा (टीआरई) में अन्य राज्यों के महिलाओं व दिव्यांगों को आरक्षण का लाभ मिल गया है। जबकि राज्य के बाहरी लोगों को आरक्षण का लाभ नहीं देना था। इस मामले में कई शिकायतें सामने आयी हैं।
दूसरे राज्यों के शिक्षक अभ्यर्थियों को सीटीइटी में 90 अंक से कम रहने पर भी नौकरी मिल गयी है। इसके साथ दूसरे राज्यों के दिव्यांग अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ मिल गया है।
मामला पकड़ में आने पर सभी डीपीओ स्थापना को इस संबंध में जांच करने को कहा गया है। प्रमाणपत्र बना कर टीआरई वन और टू आरक्षण का लाभ लेकर नौकरी प्राप्त किये हैं। इस तरह के कई सबूत शिक्षा विभाग को सौंपे गये हैं।
इन सभी पहलुओं को ध्यान रखते हुए विभिन्न जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी को आवासीय प्रमाणपत्र के वेरिफिकेशन का आदेश जल्द जारी कर दिया जायेगा।
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